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प्रश्न :
प्रथम विश्व युद्ध के बाद सामाजिक संरचना में मौलिक परिवर्तन देखे गए, जिनमें से कला एवं साहित्य के क्षेत्र में हुए परिवर्तन उल्लेखनीय थे। स्पष्ट करें।
08 Aug, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहासउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण
• प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् हुए सामाजिक परिवर्तनों का संक्षिप्त परिचय दें।
• कला और साहित्य के क्षेत्र में हुए परिवर्तनों का विशेष उल्लेख करते हुए निष्कर्ष लिखें।
प्रथम विश्व युद्ध के परिणाम इतने व्यापक और प्रभावकारी थे कि इनके साथ ही एक युग का अंत हो गया। विश्व युद्ध के पश्चात् 19वीं शताब्दी की अनेक प्रवृत्तियाँ पुरानी पड़ गईं और मानव समाज उनसे आगे निकल गया था। राष्ट्रीयता की भावना क्षीण होने लगी थी और नवीन विचारधाराएँ सामाजिक संगठन को एक नए रूप में बांध रही थी। परिणामस्वरूप सामाजिक संरचना में मौलिक परिवर्तन दर्ज किये गए।
इन मौलिक परिवर्तनों को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है-
- प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् विदेशों में रह रहे अल्पसंख्यकों की समस्या के समाधान का प्रयत्न किया गया।
- स्त्रियाँ कार्यालयों, कारखानों आदि में काम करने लगीं, जिससे उनकी स्थिति में सुधार हुआ।
- नस्लों की समानता की भावना उत्कृष्ट हुई। इस विचार द्वारा विश्व में अंतर्राष्ट्रीयता की भावना को बल मिला।
- धार्मिक सर्वोच्चता का स्थान राष्ट्रीय सर्वोच्चता ने ले लिया।
- विज्ञान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उन्नति दर्ज़ की गई। साथ ही शिक्षा के प्रसार ने समाज को तार्किक बनाया।
सामाजिक संरचना में उपर्युक्त परिवर्तनाें के साथ कला और साहित्य के क्षेत्र में भी अद्वितीय परिवर्तन हुए। ये परिवर्तन निम्नलिखित है:
कला के क्षेत्र में-
- संगीत के क्षेत्र में एडवर्ड मैकडोनल, रिचर्ड स्ट्रास, जासिकाल्यूज़ आदि संगीतकारों ने संगीत को नई दिशा दी।
- वास्तुशिल्प का विकास इस काल की प्रमुख घटना है। अमेरिका, इंग्लैंड आदि स्थानों पर बने चर्च आधुनिकता का एहसास करवाते हैं।
- चित्रकला को पाब्लो पिकासो, आनरे मातेस, ग्रांड वुड और जॉर्ज बिलोज आदि ख्याति प्राप्त कलाकारों ने आगे बढ़ाया।
साहित्य के क्षेत्र में-
- इस काल का साहित्य 18वीं एवं 19वीं शताब्दी के साहित्य से भिन्न हो गया।
- साहित्य की विषय-वस्तु उच्च और धनी मध्यम वर्ग के स्थान पर निम्न वर्ग हो गया।
- ख्याति प्राप्त नाटककार जॉर्ज बनार्ड शॉ और ओ नील के नाम भी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय हैं।
निष्कर्षत: यह कहा जा सकता है कि प्रथम विश्व युद्ध के नकारात्मक परिणामों के साथ सामाजिक परिवर्तन के सकारात्मक पक्ष ने आने वाली पीढ़ियों को महत्त्वपूर्ण रूप से बदला। इस सकारात्मक पक्ष में कला और साहित्य में हुए परिवर्तन विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
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