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प्रश्न :
हाल ही में ओडिशा सरकार द्वारा COVID-19 से उत्पन्न समस्याओं से निपटने हेतु एक अध्यादेश लाया गया जिसके तहत ओडिशा सरकार द्वारा अनुबंध कृषि हेतु एक ‘कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एंड सर्विसेज़’ समिति भी बनाई जाने का फैसला लिया गया। अनुबंध कृषि क्या है? इससे संबंधित चुनौतियों की चर्चा करें।
29 Jul, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• भूमिका
• अनुबंध कृषि
• अनुबंध कृषि के लाभ
• चुनौतियाँ
• निष्कर्ष
हाल ही में ओडिशा सरकार द्वारा COVID-19 से उत्पन्न समस्याओं से निपटने हेतु एक अध्यादेश लाया गया जिसके तहत अनुबंध कृषि हेतु एक ‘कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एंड सर्विसेज़’ समिति बनाये जाने का फैसला लिया गया। यह समिति सरकार को अनुबंध कृषि हेतु प्रचार करने और किसानों की दक्षता में सुधार लाने के लिये सुझाव देगी, साथ ही अनुबंध कृषि से संबंधित मुद्दों की समीक्षा भी करेगी।अध्यादेश का उद्देश्य किसानों और निवेशकों दोनों को पारस्परिक रूप से लाभ देना और कुशल अनुबंध कृषि प्रणाली विकसित करना है।
अनुबंध कृषि खरीदार और किसानों के मध्य हुआ एक ऐसा समझौता है, जिसमें इसके तहत किये जाने वाले कृषि उत्पादन की प्रमुख शर्तों को परिभाषित किया जाता है।
इसमें कृषि उत्पादों और विपणन के लिये कुछ मानक स्थापित किये जाते हैं। इसके तहत किसान किसी विशेष कृषि उत्पाद की उपयुक्त मात्रा खरीदारों को देने के लिये सहमति व्यक्त करते हैं और खरीदार उस उत्पाद को खरीदने के लिये अपनी स्वीकृति देता है।
अनुबंध कृषि के लाभ:
- यह छोटे स्तर के किसानों को प्रतिस्पर्द्धा बना देता है। इसमें आने वाली लागत को कम करने के लिये छोटे किसान तकनीकी, ऋण, विज्ञापन चैनलों और सूचना प्रणालियों की सहायता लेते हैं।
- इस प्रकार उनके उत्पाद के लिये उन्हें आसानी से बाज़ार मिल जाता है, जिससे बाज़ार में जाकर किये जाने वाले लेन-देन और अनावश्यक खर्च कम हो जाता है।
- अनुबंध कृषि से उपज की गुणवत्ता बनी रहती है।
- कृषि प्रसंस्करण स्तरों के मामले में यह कृषि उत्पाद की निरंतर आपूर्ति को सुनिश्चित करता है और इसकी लागत भी कम होती है।
- कृषि उत्पाद के लिये मूल्य का निर्धारण उत्पादक और फर्मों के मध्य वार्ता द्वारा किया जाता है।
- किसान नियमों और शर्तों के तहत निर्धारित मूल्यों के साथ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में प्रवेश करते हैं।
अनुबंध कृषि की चुनौतियाँ:
- अनुबंध कृषि की आलोचना प्रायः यह कहकर की जाती है कि यह फर्मों और बड़े किसानों के पक्ष में होती है और छोटे किसानों की क्षमता को नज़रअंदाज़ कर देती है।
- इसके लिये किये गए समझौते प्रायः अनौपचारिक होते हैं, यहाँ तक कि लिखित अनुबंधों को भी अदालतों में लंबे समय तक खींचा जाता है।
- इसमें खरीदार एक होता है, जबकि विक्रेता अनेक।
- पुरुषों की तुलना में महिलाओं की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में भागीदारी अपेक्षाकृत कम है, जो समावेशी विकास के सिद्धांत के प्रतिकूल है।
- अनुबंध कृषि में किसानों के समक्ष समय पर भुगतान की समस्या, कंपनियों और किसानों के बीच विवाद, किसानों का शोषण आदि जैसी चुनौतियाँ भी देखने को मिलती हैं।
निष्कर्षतः अनुबंध कृषि भी उन कई उपायों में से एक है, जो किसानों की आय बढ़ाने में सहायक है, किंतु किसानों को उनकी पैदावार का न्यायसंगत मूल्य दिलाने व कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने हेतु सरकार को अनुबंध कृषि जैसे तरीकों का सधे हुए कदमों से प्रोत्साहित करने की ज़रूरत है। अनुबंध कृषि को बढ़ावा देने हेतु आयातित तकनीक या मशीनों पर अत्यधिक छूट देने का प्रावधान किया जाना चाहिये। किसानों और कंपनियों से विवाद की स्थिति में शीघ्रता से मामलों का निपटारा किया जाना चाहिये।
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