भारत सरकार की नीति ‘सभी के लिये विद्युत’ का उद्देश्य 2020 तक प्रत्येक व्यक्ति तक सस्ती, टिकाऊ तथा नवीकरणीय ऊर्जा की पहुँच सुनिश्चित करना है। भारत में विद्युत क्षेत्र की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए ‘उदय योजना’ के प्रावधानों को स्पष्ट करें।
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• भूमिका
• भारत में विद्युत क्षेत्र की समस्याएँ
• उदय योजना के प्रवधान
• निष्कर्ष
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भारत सरकार की नीति ‘सभी के लिये विद्युत’ का उद्देश्य 2020 तक प्रत्येक व्यक्ति तक सस्ती टिकाऊ तथा नवीकरणीय ऊर्जा कीपहुँच सुनिश्चित करना है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये सरकार द्वारा ‘विद्युत अधिनियम एक्ट 2003 में कुछ संशोधनों की भी घोषणा की गई। इसके साथ ही एक राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा नीति के विकास की भी बात कही गई।
भारत में विद्युत क्षेत्र की समस्याएँ निम्नवत हैं :
- विद्युत क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों के दौरान क्षमता विकास के मामले में भारी वृद्धि देखी गई किंतु मांग तथा आपूर्ति के मध्य असंतुलन के कारण यह क्षेत्र सदैव ही तनाव में रहा है।
- बिजली की कीमत के निर्धारण की दुविधा के कारण डिस्कॉम्स जितना अधिक बिजली वितरण उपलब्ध करते हैं उतना ही उनका घाटा बढ़ता जाता है।
- अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों और कृषि कार्य में विद्युत आपूर्ति के लिये मीटर न होने के कारण ऐसे क्षेत्रों में विद्युत खपत के संदर्भ में विस्तृत आँकड़ों की अनुपलबधता एक बड़ी समस्या है।
- बेहतर तकनीक एवं उपकरणों के नवीकरण के न होने के कारण उत्पादन केंद्रों से उपभोक्ताओं तक विद्युत वितरण के दौरान भारी मात्रा में ऊर्जा की हानि एक बड़ी समस्या है।
- सरकार पर सब्सिडी के दबाव को कम करने के लिये क्रॉस सब्सिडी जैसी नीतियों को अपनाने से औद्योगिक क्षेत्र पर नकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
- उपरोक्त समस्याओं को देखते हुए वर्ष 2015 में उज्ज्वल डिस्कॉन एरयोरेंस योजना अर्थात उदय योजना को लॉन्च किया गया था। जिसके प्रमुख प्रावधान निम्न प्रकार से है-
- उदय की विद्युत वितरण कंपनियों की वित्तीय तथा परिचालन क्षमता में सुधार लाने के लिये शुरू किया गया था।
- इस योजना में ब्याज भार, विद्युत की लागत, कुल तकनीकी तथा वाणिज्य नुकसान की हानि को कम करने का प्रावधान है। इसके परिणामस्वरूप डिस्कॉम लगातार 24 घंटे पर्याप्त और विश्वसनीय विद्युत की आपूर्ति करने में समर्थ हो जाएंगी।
- इस योजना में राज्य सरकार को अपने ऋणों का स्वैच्छिक रूप से पुनगर्ठन करने लिये प्रोत्साहित करने हेतु प्रावधान है।
- इस योजना के तहत सव्रप्रथम चार प्रमुख बिंदुओं पर कार्य किया जाएगा-
- बिजली वितरण कंपनियों की परिचालन क्षमता में सुधार।
- बिजली की लागत में कमी।
- वितरण कंपनियों को ब्याज लागत में कमी।
- राज्य वित्त आयोग के साथ समन्वय के माध्यम से बिजली वितरण कंपनियों पर वित्तीय अनुशासन लागू करना।
निष्कर्षत: विद्युत कंपिनयों में निहित कमजोरियों को इस योजना के माध्यम से न सिर्फ दूर करने का प्रयास किया जा रहा है अपितु भविष्य में इन्हें और अधिक सक्षम बनाकर भारत की विद्युत आपूर्ति संबंधी समस्याओं की दूर करने की दिशा में भी यह एक बेहतर प्रयास है।