पिछले कुछ वर्षों में शरणार्थी समस्या, विशेषकर पश्चिमी एशिया में, अधिक गंभीर होती जा रही है। वर्तमान वैश्विक परिवेश का शरणार्थी संकट पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा करें।
11 Jul, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध
हल करने का दृष्टिकोण: • भूमिका • वैश्विक परिवेश तथा शरणार्थी संकट |
वर्तमान में विश्वभर में शरणार्थियों की समस्या और अधिक गंभीर होती जा रही है। विशेषकर पश्चिम-एशिया में क्षेत्रीय अशांति तथा अन्य कई कारणों से यह संकट इस दशक की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी बनकर उभरे है। एक अनुमान के अनुसार, अब तक 80 हजार से अधिक शरणार्थी तुर्की की उत्तर-पश्चिमी सीमाओं के रास्ते यूरोप में देशों में पहुँच चुके है। वर्तमान शरणार्थियों की बढ़ती समस्या का प्रभाव इस संकट से प्रभावित देशों (पश्चिम एिशया तथा यूरोप) की स्थानीय एवं वैश्विक राजनीति पर भी देखा जा सकता है। हाल ही में तुर्की ने घोष्ज्ञणा की कि वह अब शरणार्थियों को अपनी सीमा के जरिये यूरोप जाने से नहीं रोकेगा, वहीं कई अन्य देशों ने शरणार्थियों के लिये अपनी सीमाओं को बंद करने की भी घोषणा की है जिससे इस संदर्भ में समस्याएँ और भी बढ़ गई हैं।
वैश्विक परिवेश तथा शरणार्थी संकट
उपरोक्त के अतिरिक्त वर्तमान में विश्वभर में फैली महामारी ने पहले से ही जटिल शरणार्थी समस्या को और भी बढ़ा दिया है, COVID-19 के कारण ज़्यादातर देशों ने अपनी सीमाएँ बंद कर दी हैं। शरणार्थी शिविरों में COVID-19 की पहुँच इस मानवीय त्रासदी की विभीषिका को और अधिक बढ़ा देगी। ऐसे में शरणार्थियों की समस्या के निवारण के लिये यह अति आवश्यक है कि क्षेत्र के सभी हितधारकों को अपने आपसी मतभेद को भूलकर सर्वसम्मति से एक समायोजित कार्ययोजना का निर्माण करना चाहिये। सीरिया के राजनीतिक संकट के समाधान के लिये संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों के माध्यम से हस्तक्षेप किया जा सकता है। शरणार्थी शिविरों में मूलभूत सुविधाओं की पहुँच और शरणार्थियों के पुनर्वास के लिये विश्विक सहयोग में वृद्धि की जानी चाहिये।