वर्तमान में एकल नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली के समक्ष आने वाली चुनौतियों की चर्चा करें। हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली से आप क्या समझते है? इससे होने वाले लाभों की चर्चा करें।
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• भूमिका
• हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली का परिचय
• इससे होने वाले लाभ
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एकल विकिरणीय ऊर्जा प्रणाली में ऐसी है जिसमें केवल एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत शामिल होता है। इस संबंधित चुनौतियां निम्नवत है:
- एकल नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत से उत्पादित ऊर्जा के उपयोग ट्रांसमिशन लाइनों का उपयोग कम हो जाता है।
- एकल नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन प्रणाली से ऊर्जा की लगातार आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की जा सकती।
- इसमें ऊर्जा का उत्पादन कुछ सीमित समय या कुछ घंटों के लिये ही होता है। जैसे-सोलर ऊर्जा का उत्पादन दिन के कुछ घंटों ही संभव है।
- एकल नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली के स्रोत सतत् नहीं होते है। उदाहरण के लिये ये ऊर्जा का उत्पादन सूर्य के प्रकाश अथवा पवन प्रवाह की उपस्थिति में ही करते हैं।
- हाइब्रिड ऊर्जा प्रणाली में दो या दो से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत सम्मिलित होते है। उदाहरण के लिये हाइब्रिड ऊर्जा प्रणालियों में सम्मिलित होते हैं-
- जल विद्युत - पवन ऊर्जा प्रणाली
- बायोमास - पवन ईधन सेल,
- फोटोवोल्टिक सेल आदि।
हाइब्रिड विकिरणीय ऊर्जा प्रणाली के लाभ निम्नवत हैं -
- हाइब्रिड ऊर्जा प्रणाली एकल नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों की चुनौतियों को दूर करते हुए उपभोक्ताओं को वैकल्पिक ऊर्जा समाधान प्रस्तुत करती है। विशेषज्ञों को अनुमान है कि पवन-सौर भंडारण हाइब्रिड प्रणाली वर्तमान में कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों की तुलना में अगले 4 से 5 वर्षों में विश्वसनीय एवं लागत प्रभावी तथा चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कर सकती है। उदाहरण के लिये दिन में सौर ऊर्जा और रात में पवन ऊर्जा का उपयोग करके उपभोक्ताओं की सतत ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है।
- शून्य कार्बन उत्सर्जन के कारण यह प्रणाली पर्यावरण की दृष्टि से भी बेहतर है। इसके अलावा यह प्रणाली भारत की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति में भी सहायक सिद्ध होगी।