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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    ‘सोवियत संघ के विघटन के पश्चात् वैश्विक व्यवस्थाओं का झुकाव अमेरिका की ओर अधिक दिखाई देता है’ विश्लेषण करें।

    10 Jul, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण :

    • भूमिका

    • सोवियत संघ के विघटन के पश्चात् वैश्विक व्यवस्थाओं का झुकाव अमेरिका की ओर कहाँ -कहाँ  अधिक दिखाई देता है?

    • निष्कर्ष

    सोवियत संघ के विघटन के बाद वैश्विक स्तर पर अमेरिका ने अपनी नीतियों तथा विचारधारा का प्रचार-प्रसार शुरू किया। अमेरिका ने भले ही कभी प्रत्यक्ष रूप से साम्राज्यवाद का समर्थन नहीं किया किंतु अपनी व्यापारिक नीतियों के माध्यम से विभिन्न देशों में प्रभावकारी परिवर्तन किये। अमेरिकी सरकार ने विश्व स्तर पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष निवेश को बढ़ावा देकर विभिन्न अमेरिकी कंपनियों की इकाईयों को अन्य देशों में स्थापित किया। वित्तीय तथा बैंकिंग कंपनियों के साथ बीमा कंपनियों के निवेश को बढ़ावा दिया। इन नीतियों के शिकार विशेष कर पूर्वी एशियाई देश हुए।

    अमेरिका ने अपनी नीतियों का निर्माण अपने हितों के अनुकूल किया। जिसका प्रारंभिक उद्देश्य साम्यवादी विचारधारा के समर्थित राष्ट्रों के प्रभावों को सीमित करना था। वहीं दूसरी ओर वह पूर्वी यूरोप के उन राष्ट्रों की विस्तारवादी विचारधारा पर भी वह अंकुश लगाना चाहता था जो विस्तारवादी नीति अपना रहे थे। यही कारण था कि उसने न सिर्फ गुप्त राजनीतिक संधियों बल्कि कूटनीतिक पहलों द्वारा रूस की साम्यवादी विचारधारा को अस्थिर करने का प्रयास किया। इसके अलावा अमेरिका के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती परमाणु शक्ति संपन्न देशों की शक्ति को नियंत्रित करने की भी थी। अत: शक्ति संतुलन की स्थिति में न सिर्फ उसने परमाणविक हथियारों का निर्माण किया, बल्कि अन्य देशों के परमाणविक कार्यक्रमों पर विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संधियों तथा एजेंसियों के माध्यम से रोक लगाने का भी प्रयास किया।

    अमेरिका का सबसे मजबूत पक्ष यह रहा कि विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय पहलों पर उसे अधिकाधिक देशों का सहयोग प्राप्त हुआ। धीरे-धीरे अमेरिका की हर नीति प्रत्येक देश के लिये बाध्यकारी हो गयी तथा अमेरिका अपनी आर्थिक मज़बूती के बल पर विभिन्न देशों की नीतियों को प्रभावित करने में भी सफल रहा।

    उपरोक्त के अलावा विश्व की विभिन्न नियामक संस्थाओं में अमेरिकी हस्तक्षेप लगातार विद्यमान है। इसलिये वैश्विक स्तर पर होने वाले भू-मंडलीकरण या उत्पन्न अन्य प्रभावों को अमेरिकीकरण की भी संज्ञा दी जाती है।

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