‘पारदर्शिता तथा जवाबदेही, न्याय पूर्ण प्रशासन की स्थापना की पूर्व शर्त है’ टिप्पणी करें।
07 Jul, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
हल करने का दृष्टिकोण: • भूमिका • किस प्रकार पारदर्शिता तथा जवाबदेही, न्याय पूर्ण प्रशासन की स्थापना की पूर्व शर्त है? • निष्कर्ष |
जनता की आकांक्षाओं तथा उनकी विकास तथा न्याय संबंधी आवश्यकताओं का मूर्त रूप प्रशासन के माध्यम से सुनिश्चित किया जाता है।
प्रशासन के न्याय पूर्ण, दक्ष, उत्तरदायी, ज़वाबदेह, मितव्ययी तथा सत्यनिष्ठ होता है तो जनता की उपरोक्त अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम होता है।
पारदर्शिता के अंतर्गत किसी निर्णय के आधार को स्पष्ट करना, निष्पक्ष होकर निर्णय लेना तथा क्रियाकलापों के संदर्भ में उपभोक्ताओं को जागरूक करना आदि अवयवों को शामिल किया जाता है।
इसके द्वारा न केवल जनता तक सरकारी कार्यों व योजनाओं की सटीक जानकारी पहुँचाती है वरन् जनता का संबंधित योजना के संदर्भ में फीडबैक भी प्राप्त होता है। इस तरह पारदर्शिता सुशासन सुनिश्चित करने का एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है। यही कारण है कि सरकार ने सूचना के अधिकार, लोकपाल, सर्तकता आयोग, सिटीजन चार्टर जैसे संगठनों तथा संस्थाओं का निर्माण किया है।
वहीं जवाबदेही किसी कार्य के संदर्भ में उत्तरदायित्व व ज़िम्मेदारी से जुड़ती है। इसके माध्यम से प्रशासनिक कार्यों में सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता और वस्तुनिष्ठता उत्पन्न की जाती है। जवाबदेही ही वह अवयव है जिसके माध्यम से किसी संगठन में कार्य-संस्कृति, आचार-संहिता तथा नीति-संहिता का पालन सुनिश्चित किया जाता है। नोलन समिति ने निष्पक्षता तथा उत्तरदायित्व को सुशासन का सबसे महत्त्वपूर्ण अवयव बताया है।
निष्कर्षत: पारदर्शिता तथा जवाबदेही के माध्यम से ही प्रशासन का चरित्र न्यायपूर्ण बनता है तथा नागरिकों के समग्र विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।