भारत में प्राकृतिक, आध्यात्मिक हेरिटेज जैसे विविधतापूर्ण पर्यटन क्षेत्र होने के बावजूद, इस क्षेत्र में अपेक्षित विकास न होने के पीछे क्या कारण हैं, इस क्षेत्र के विकास हेतु किन आवश्यक उपायों को अपनाने की ज़रूरत है। चर्चा करें।
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• भूमिका
• अपेक्षित विकास नहीं होने के पीछे ज़िम्मेदार कारण
• विकास हेतु किस आवश्यक उपाय
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भारत में पर्यटन की दृष्टि में प्राकृतिक, आध्यात्मिक हेरिटेज जैसे क्षेत्र है तथा इनमें पर्यटन को एक उद्योग के रूप में विकसित करने की अपार संभावनाएँ भी हैं किंतु इस क्षेत्र में अपेक्षित विकास नहीं हुआ जिसके लिये निम्नलिखित कारक ज़िम्मेदार है-
- पर्यटन स्थलों की निम्नस्तरीय आधारभूत संरचना तथा परिवहन के साधनों का विकास न होना या अल्पविकसित होना।
- आतंकवाद, नक्सलवाद, सांप्रदायिक, विवाद जैसे आंतरिक सुरक्षा के संकट विशेषकर जम्मू-कश्मीर तथा पूर्वोत्तर के क्षेत्र में मौजूद पर्यटन की संभावनाओं को सीमित करती है।
- पर्यटकों को दैनिक आवश्कयताओं से संबंधित जैसे कि उच्च गुणवत्तायुक्त खाद्य व पदार्थ स्वच्छ पयेजल, शौचालय आदि सुविधाओं का अभाव।
- पर्यटन गतिविधियों से जैव विविधता बाहुल्य वाले क्षेत्रों पर नकारात्मक असर पड़ता है।
- भारतीय पर्यटन से संबंधित प्रचार-प्रसार की कमी।
पर्यटन में सुधार हेतु उपाय-
- आंतरिक सुरक्षा का प्रभावी समाधान सुनिश्चित करने के लिये राज्यों के स्तर पर कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास होना चाहिये।
- पर्यटन स्थलों की बुनियादी अवसंरचना को विश्वस्तरीय बनाने की आवश्यकता है।
- संचार तथा परिवहन की सुविधाओं को बेहतर बनाए जाने की आवश्यकता है।
- केंद्र तथा राज्य को मिलकर एक एकीकृत पर्यटन नीति के विकास हेतु प्रयास करना चाहिये।
- ई-वीज़ा, वीज़ा ऑन अराइवल, बहुभाषी संचार सुविधायें उपलब्ध कराकर भारत पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है।
- भोजन, पेयजल, होटल जैसी आवश्यक चीजों की बेहतरी सुनिश्चित की जानी चाहिये।
- फिल्म विवरण पुस्तिका, प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया, ऑनलाइन तथा आउटडोर मीडिया आदि के माध्यम से बड़े पैमाने पर पर्यटन संबंधी प्रचार कर पर्यटकों को भारत की ओर आकर्षित किया जा सकता है।