वर्तमान समय में जैव आतंकवाद मानव अस्तित्व पर एक गंभीर संकट है। जैव आतंकवाद से आप क्या समझते हैं जैविक हथियार नियंत्रण के लिये किये जाने वाले प्रयासों की संक्षिप्त चर्चा करते हुए इससे संबंधित चुनौतियों तथा निपटने हेतु किये जा सकने वाले संभावित उपायों पर प्रकाश डालें।
03 Jul, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आंतरिक सुरक्षा
हल करने का दृष्टिकोण: • भूमिका • जैविक हथियार नियंत्रण के लिये प्रयास • चुनौतियाँ • उपाय • निष्कर्ष |
युद्ध की सतत आशंका के कारण पूरी दुनिया में आधुनिक हथियारों के निर्माण की होड़ बढ़ती जा रही है। विगत सौ वर्षों में हथियारों के निर्माण में बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है। आधुनिक हथियारों के निर्माण में वृद्धि के साथ ही युद्ध के पारंपरिक तौर-तरीकों में भी बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। इनमें एक नया तरीका जैविक हथियारों का भी है।
कोरोना वायरस संक्रमण के तौर तरीकों को देखते हुए जैविक हथियार व जैव आतंक चर्चा के केंद्र में आ गया है।
वर्तमान में आतंक के एक नए हथियार के रूप में उच्च तकनीकी आधारित जैव आतंक का प्रयोग किया जाने लगा है। जैव आतंक का प्रयोग न केवल आतंकवादी समूह कर रहे हैं, बल्कि शक्ति संपन्न राष्ट्र भी प्रत्यक्ष रूप से युद्ध में भाग न लेकर परोक्ष रूप से जैव आतंकवाद का सहारा ले रहे हैं।
आधुनिक काल में जैव आतंकवाद को ऐसी क्रूर गतिविधि के रूप में चिन्हित किया जा सकता है जिसके अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विषाणुओं, जीवाणुओं तथा विषैले तत्वों को मानव द्वारा ही प्राकृतिक अथवा परिवर्धित रूप में विकसित कर अपने लक्ष्य संधान हेतु किसी राष्ट्र के विरूद्ध निर्दोष जन, पशुओं अथवा पौधों को गंभीर हानि पहुँचाने हेतु योजनाबद्ध रूप से मध्यस्थ साधन के रूप में दुरूपयोग किया जाता है।
वर्तमान समय में आत्मघाती जैव आतंकवाद की समस्या भी सामने आ रही है जिसमें आतंकवादी स्वयं को घातक रोगकारी संक्रमण से संक्रमित करने के पश्चात सामान्यजन के मध्य जा कर उन्हें भी संक्रमित कर देता है और पूरे क्षेत्र को विनाशक रोग से भर देता है।
जैविक हथियार नियंत्रण के लिये प्रयास निम्नवत हैं-
चुनौतियाँ-
उपाय -
उपरोक्त के अतिरिक्त जैविक आपदाओं से निपटने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच उचित सहयोग होना चाहिये, लेकिन अगर इसका प्रभावी ढंग से सामना करना है तो जिलों तथा स्थानीय निकायों के बीच समन्वय और भी आवश्यक है।