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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    वर्तमान में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध न केवल चीन को प्रतिसंतुलित करेंगें बल्कि विश्व व्यवस्था को एक नई ऊँचाई पर ले जाने का भी कार्य करेगें। टिप्पणी करें।

    27 Jun, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • भूमिका 

    • भारत ऑस्ट्रेलिया  संबंध के विभिन्न पक्ष 

    • निष्कर्ष

    भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों बहुत लंबे समय से एक दूसरे के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध साझा कर रहे हैं और हाल ही संपन्न लाजिस्टिक समझौते ने दोनों देशों के संबंधो को नई दिशा प्रदान की है। द्विपक्षीय व्यापार, रणनीतिक प्रयास, छात्र विनिमय कार्यक्रम, सतत् विकास के लिये समान प्रतिबद्धताओं ने भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और अधिक गतिशील बना दिया है। निश्चित तौर पर भारत व ऑस्ट्रेलिया की एकजुटता चीन की साम्राज्यवादी नीतियों को प्रतिसंतुलित करने में एक सफल प्रयास साबित होगी।

    भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के मध्य सहयोग के विभिन्न क्षेत्र निम्नवत है -

    आर्थिक क्षेत्र-भारत एक तेज़ी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और ऑस्ट्रेलिया ने इसकी पहचान करते हुए भारत के साथ महत्त्वपूर्ण आर्थिक समझौते किये हैं।ऑस्ट्रेलिया में भारत का मुख्य निर्यात यात्री मोटर वाहन, मशीनरी, मोती, रत्न एवं आभूषण, औषधि एवं परिष्कृत पेट्रोलियम हैं जबकि भारत का प्रमुख आयात कोयला, गैर-मौद्रिक सोना, तांबा, ऊन, उर्वरक और शिक्षा संबंधी सेवाएँ हैं। दोनों देश वर्तमान में व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते पर सहमति बनाने का भी प्रयास कर रहे हैं।

    शैक्षिक क्षेत्र में सहयोग - अध्ययन के लिये अन्य देशों की ओर रुख करने वाले भारतीय छात्रों के लिये ऑस्ट्रेलिया एक लोकप्रिय गंतव्य स्थल है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने युवाओं को उनकी योग्यता और अनुभव में वृद्धि के लिये ‘न्यू कोलम्बो योजना’ शुरू की है।

    सामरिक क्षेत्र में सहयोग- एक खुला और मुक्त एशिया-प्रशांत क्षेत्र भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों के ही हित में है। ऑस्ट्रेलिया ने भी एशिया-प्रशांत के बजाय ‘हिंद-प्रशांत’ की शब्दावली अपनाई है। यह दिखाता है कि ऑस्ट्रेलिया ने इस क्षेत्र में भारत की महती भूमिका को स्वीकार किया है। असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग के शीघ्र संचालन तथा भारत के सुरक्षित परमाणु रिएक्‍टरों के लिये यूरेनियम आपूर्ति को भी ऑस्‍ट्रेलिया का समर्थन प्राप्त है।

    रक्षा संबंध- रक्षा क्षेत्र में भारत और ऑस्ट्रेलिया की एक साझा चिंता चीन को लेकर है। जहाँ ऑस्ट्रेलिया प्रशांत क्षेत्र में चीन की उपस्थिति से चिंतित है, तो वहीं भारत हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों से चिंतित है। इस द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास का आयोजन भारतीय नौसेना तथा रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के बीच आपसी सहयोग एवं पारस्परिकता को बढ़ाने के लिये तथा कर्मचारियों को आपस में अपने पेशेवर विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करने के लिये किया गया था।

    वर्ष 2017 में ऑस्ट्रेलियाई विदेश नीति के श्वेत-पत्र में भारत को अमेरिका, जापान, इंडोनेशिया, चीन के साथ अग्रिम पंक्ति के अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के रूप में मान्यता दी गई। चीन को प्रतिसंतुलित करने के लिये ‘क्वाड’ की संकल्पना वर्ष 2007 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे द्वारा की गई थी। इस समूह में जापान व संयुक्त राज्य अमेरिका के अतिरिक्त भारत व ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं।

    विज़न इंडिया 2035- इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने विज़न इंडिया 2035 लॉन्च किया है। यह विज़न डॉक्यूमेंट दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को आकार देगा। यह विज़न डॉक्यूमेंट भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया के आर्थिक भविष्य का रोडमैप प्रस्तुत करता है।

    निष्कर्षतः वर्तमान में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध न केवल चीन को प्रतिसंतुलित करेंगें बल्कि विश्व व्यवस्था को एक नई ऊँचाई पर ले जाने का भी कार्य करेगें।

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