नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    हाल ही में भारत को ‘हिंद महासागर आयोग’ में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल किया गया है। हिन्द महासागर आयोग का परिचय देते हुए इसमें भारत की भूमिका के क्या निहितार्थ हो सकते हैं?

    13 Jun, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • हिन्द महासागर आयोग का परिचय

    • हिन्द महासागर आयोग में भारत की भूमिका

    • निष्कर्ष

    हिंद महासागर आयोग (IOC) की 34वीं मंत्री परिषदीय बैठक में भारत को पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया। ‘पश्चिमी हिंद महासगार’ एक रणनीति क्षेत्र है जो अफ्रीका के दक्षिण-पूर्वी तट को न केवल हिंद महासागर में अपितु अन्य महत्त्वपूर्ण महासागरों से भी जोड़ता है।

    हिन्द महासागर आयोग

    • यह एक अंतर सरकारी संगठन है। जो दक्षिण-पश्चिमी हिंद महासागर ‘क्षेत्र में बेहतर सागरीय-अभिशासन को दिशा में कार्य करता है तथा यह आयोग पश्चिमी हिंद महासागर के द्वीपीय राष्ट्रों को सामूहिक रूप से कार्य करने हेतु मंच प्रदान करता है।
    • वर्तमान में हिंद महासागर आयोग में पाँच देश; कोमोरास मेडागास्कर, मौरीशस, रियूनियन (फ्रांस के नियंत्रण में) और सेशल्स शामिल हैं। इसमें शामिल देश पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में स्थित हैं।
    • वर्तमान में भारत के अलावा इस आयोग के चार पर्यवेक्षक-चीन यूरोपीय, माल्टा तथा इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ ला प्रांसोफोनी है।
    • हाल ही में IOC ने समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व प्रदर्शित किया है। चूँकि समुद्री सुरक्षा भारत तथा हिंद महासागर के तटीय देशों के मध्य संबंधों की महत्त्वपूर्ण विशेषता है।

    IOC तथा भारत

    • भारत के लिये IOC के महत्त्व को समुद्री सुरक्षा के आधार पर समझा जाना चाहिये।
    • IOC समुद्री सुरक्षा की दिशा में दृढ़ता के साथ कार्य कर रहा है लेकिन इसे मजबूत क्षेत्रीय भागीदारों को आवश्यकता है। भारत में एक मजबूत पर्यवेक्षक के रूप में IOC में शामिल होकर इन संगठन के प्रति अपनी रूचि जाहिर की है।
    • भारत पश्चिमी हिंद महासागर के समुद्री देशों की समुद्री क्षमता निर्माण में मदद कर सकता है।
    • भारत, पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र के देशों की अन्य आर्थिक क्षेत्र में मदद करने की क्षमता विकसित करने में सहायता कर सकता है।

    निष्कर्षत: पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र के देशों की भू-रणनीति स्थिति को देखते हुए भारत का इस क्षेत्र के साथ जुड़ाव हिंद महासागर में भारत के हितों के लिये महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow