प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    ई-कोर्ट की अवधारणा कोरोना संकट काल में समय की मांग बन चुकी है? ई-कोर्ट की संभावनाओं तथा चुनौतियों को रेखांकित करें।

    12 Jun, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    ई-कोर्ट से आशय न्यायिक तंत्र की उस रूप से है जहां निर्धारित प्रक्रिया तथा नियमों के तहत न्यायालय की गतिविधियों का संचालन किया जाता है। इसके तहत ऑन लाइन याचिका दायर करना, न्यायालय की कार्रवाई के तहत शुल्क या दंड का भुगतान तथा वीडियो कॉन्फ़्रेंस के माध्यम से किसी मामले की सुनवाई करना आदि शामिल है। 6 अप्रैल 2020 को उच्चतम न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 142 में निहित अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए देश में लागू लॉकडाउन के दौरान वीडियो कॉन्फ़्रेंस के माध्यम से मामलों की सुनवाई किये जाने के संदर्भ में कुछ दिशा-निर्देश जारी किये थे।

    ई-कोर्ट संभावनाएँ :

    • न्यायालय की पहुँच में वृद्धि- वर्तमान में विधिक प्रक्रिया में अनेक सुधारों के बावजूद भी समाज के कुछ वर्गों के लिये आसानी से न्यायालय तक पहुँच पाना संभव नहीं हो सकता है। ई-कोर्ट के माध्यम से विधिक प्रक्रिया में व्याप्त जटिलताओं को दूर कर याचिकाकर्त्ता तथा न्यायालय की पहुँच को सुगम बनाया जा सकेगा।
    • समय तथा धन की बचत : ई-कोर्ट के माध्यम से याचिकाकर्त्ता तथा वकील देश के किसी भाग से सुनवाई की प्रक्रिया में भाग ले सकेगे, इससे न सिर्फ लोगों को आसानी से न्याय मिल सकेगा बल्कि परिवहन तथा अन्य खर्चों में भी कटौती की जा सकेगी।
    • लंबित मामलों में कमी : विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में न्यायालयों में लंबित 25% मामलों के रुके रहने का मुख्य कारण यह है कि उनमें सुनवाई के समय याचिकाकर्त्ता, वकील या मामले से संबंधित कोई अन्य सुनवाई में नहीं पहुँच पाता, ऐसे में ई-कोर्ट और वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से इस समस्या को दूर कर लंबित मामलों में कमी लाने में सहायता प्राप्त होगी।
    • ईज़ ऑफ डुइंग बिज़नेस : किसी भी विदेशी निवेशक के लिये दूसरे देश में उपलब्ध व्यावसायिक अवसरों तथा संसाधनों की उपलब्धता के साथ न्यायिक तंत्र की कार्यप्रणाली तथा पारदर्शिता भी एक निर्णायक पहलू होता है।
    • चुनौतियाँ : हाई स्पीड इंटरनेट की पहुँच का अभाव।
    • ई-कोर्ट की कार्यप्रणाली के लिये आवश्यक नियमों का अभाव।
    • न्यायाधीशों, न्यायालय के अन्य कर्मचारियों को ई-कोर्ट के संचालन हेतु विस्तृत तकनीकी प्रशिक्षण की आवश्यकता।
    • ई-कोर्ट के संचालन के दौरान महत्वपूर्ण प्रपत्रों के ऑनलाइन होने से साइबर हैकिंग का खतरा भी एक बड़ी समस्या है।
    • देश के सभी न्यायालयों में ई-कोर्ट के संचालन हेतु नए सिरे से आधारभूत संरचना की स्थापना एक जटिल तथा खर्चीली प्रक्रिया होगी।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2