डी-हाइफनेशन कूटनीति से आप क्या समझते हैं? भारत-इज़राइल के मध्य सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर प्रकाश डालें।
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• भूमिका
• डी-हाइफानेशन कूटनीति का परिचय
• भारत-इज़राइल संबंधों पर मुख्य बिंदु
• निष्कर्ष
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जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री मोदी ने इज़राइल की यात्रा की परन्तु इस दौरान उन्होंने फिलिस्तीन की यात्रा नहीं की। कूटनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम भारत की पूर्व में अपनाई गई नीति से विपरीत है। इससे पहले भारतीय राजनेता एक साथ दोनों पश्चिम एशियाई देशों का दौरा करते रहे हैं।
भारत द्वारा इज़राइल और फिलिस्तीन को लेकर अपनाई गई इस नीति को कूटनीतिक विशेषज्ञों ने ‘डी-हाइफनेशन’ नाम दिया। यह नीति अमेरिका द्वारा भारत तथा पाकिस्तान के संदर्भ में अपनाई गई नीति से प्रभावित है।
भारत तथा इज़राइल के मध्य सहयोग के क्षेत्र -
स्वास्थ्य क्षेत्र :
- कोराना महामारी प्रसार को रोकने के लिये भारत द्वारा इज़राइल को आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा रही है।
- भारत सरकार ने इज़राइली दवा उद्योग के लिये मेडिकल टीम भेजने तथा कच्चे माल के लिये N-95 केस मास्क तथा अन्य चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मंजूरी दी है।
रक्षा क्षेत्र :
- मार्च 2020 में भारत ने इज़राइल के साथ 880 करोड़ रूपए का एक रक्षा सौदा किया है। इस रक्षा सौदे में भारतीय सशस्त्र बलों के लिये 16,479 लाइट मशीन गन खरीदने का ऑर्डर दिया गया।
- भारत ने इज़राइल की रक्षा कंपनियों को ‘मेक इन इंडिया’ में संयुक्त उत्पादन के लिये आमंत्रित किया क्योंकि भारत में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में इज़राइल के लिये निवेश के अच्छे अवसर हैं।
- भारत ने इज़राइली कंपनियों को रक्षा क्षेत्र में भारत की उदार प्रत्यक्ष विदेश नीति का लाभ उठाने के लिये संयुक्त उत्पादन करने का प्रस्ताव दिया।
कृषि में सहयोेग :
- दोनों देशों ने इस क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने का निर्णय लिया था।
- दोनों देशों के मध्य कृषि तथा सम्बंद्ध क्षेत्रों में सहयोग को और अधिक बढ़ाने की प्रतिबद्धता के मद्देनज़र बागवानी क्षेत्र में 2015 से एक कार्यव्रम शुरू किया गया। जिसके तहत विभिन्न फलों तथा सब्जियों की खेती के लिये 21 राज्यों में 27 उत्कृटता केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं, जिनमें से अधिकांश की स्थापना का काम पूरा हो चुका है।
जल संसाधन प्रबंधन :
- इज़राइल की तुलना में भारत में जल की पर्याप्त उपलब्धता है। लेकिन जल प्रबंधन के मामले में हमसे कहीं बेहतर है।
- इज़राइल भारत में खारे पानी को पीने योग्य बनाने के लिये संयत्रों की स्थापना कर रहा है।
- इसके साथ ही आपसी सहमति के क्षेत्रों के साथ-साथ अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग, अलवणीकरण, जल संरक्षण के तरीकों व जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्रों में अनुभवों तथा विशेषज्ञता को साझा करने की जरूरत भी बताई गई थी।
सहयोग के अन्य क्षेत्र :
- इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिये लागू किये एक लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में दोनों देशों के लिये नागरिक पंस गए थे, जिन्हें निकालने के लिये दोनों देशों की वायुसेना ने एक समझौता किया।
- इज़राइल नवाचार के मामले में अग्रणी है और तकनीक के मामले में वैश्विक ताकत है, जबकि भारत रचनात्मक प्रतिभाओं विशेषकर वैज्ञानिकों आदि के मामले में धनी है।
- इज़राइल की ‘स्टार्ड-अप’ हब के रूप में जाना जाता है जो भारत की नई आईटी कंपनियों के आगे बढ़ने तथा बाज़ार में बनने में सहायता कर सकता है।
निष्कर्षत: इज़राइल ने भारत में कृषि, सिंचाई, तथा अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश किया है और भारत में विनिर्माण के क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं तलाश रहा है। वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे की की पूरक बन सकती हैं, लेकिन दोनों देशों को द्विपक्षीय संभावनाओं तथा करोबार तथा निवेश का दोहन करने के लिये और कदम उठाने की ज़रूरत है।