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प्रश्न :
विभिन्न रिपोर्ट्स से यह पता चलता है कि भारत में देश की लगभग 25 वर्ष की आवश्यकता-पूर्ति के लिये तेल एवं शेल गैस के पर्याप्त भंडार मौजूद है तथापि इसकी निकासी सरकार के एजेंडे में प्राथमिक रूप में शामिल नहीं है इसकी प्राप्यता तथा संबंधित समस्याओं का आलोचनात्मक परीक्षण करें।
10 Jun, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• भूमिका
• तेल एवं शेल गैस भंडार की प्राप्यता के संबंधित समस्याएं
• समाधान के बिंदु
• निष्कर्ष
भारत में पेट्रोलियम पदार्थ सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है। यह अपनी आवश्यकता की पूर्ति अन्य देशों में आयातित पेट्रोलियम पदार्थों से करता है। भारत में पेट्रोलियम पदार्थ मुख्यत: गुजरात, राजस्थान, असम, बॉम्बे हाई तथा कृष्णा गोदावरी बेसिन में पाया जाता है। भारत में जिस प्रकार से जनसंख्या वृद्धि, औद्योगीकरण, मोटर वाहनों के साथ विकासात्मक गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। शेल गैस क्रांति पेट्रोलियम पदार्थों के विकल्प के रूप में देखी जा रही है।
भारत सरकार की कार्यसूची में भारत में उपस्थित शेल गैस व तेल के भंडारों से इनकी निकासी को शामिल नहीं किये जाने के पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-
- शेल गैस व तेल पृथ्वी के आंतरिक भागों की चट्टानों में कैद होने के कारण इसका निष्कासन तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण है।
- शेल गैस व तेल के प्रारंभिक उत्पादन के पश्चात् 1-2 वर्ष में इसके उत्पादन में कमी आने लगती है।
- इसके लिये बड़ी संख्या में कुंओं की खुदाई की आवश्यकता पड़ती है।
- भारत में बढ़ती जनसंख्या व घटते हुए भूमि आकार के कारण चुनौतियों में वृद्धि होती जा रही है।
- शेल गैस को पानी के उच्च प्रवाह के द्वारा चट्टानी संरचना में निकाला जाता है, जिसमें विशेष प्रकार के केमिकल मिले रहते जिससे जलीय प्रदूषण बढ़ता है, जैसे कि जल प्रवाह से चट्टानों में कैद विषैले रसायनिक तत्त्व भौम जल में मिल सकते हैं।
- भारत में भूकंपीय प्रवण क्षेत्र में अधिक होने के कारण गहरे कुंओं की खुदाई से भूकंप का खतरा बढ़ सकता है।
अमेरिका के ऊर्जा सूचना प्रशासन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में शेल गैस 584ICF खतरे वाली 96TCF बिना खतरे वाली है। अत: उपर्युक्त कारकों के आहार पर भारत में शेल गैस व तेल की प्राप्ति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
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