निम्नलिखित मानवीय मूल्य किसी भी समाज के लिये महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं-
(a) विनम्रता
(b) दयालुता
(c) निष्कपटता
(d) उदारचरितता
मौलिक उदाहरणों द्वारा सार्वजनिक जीवन में उक्त मूल्यों की प्रासंगिकता का परीक्षण करें।
06 Jun, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
हल करने का दृष्टिकोण: • भूमिका • उदहारण सहित उपरोक्त मूल्यों की प्रासंगिकता • निष्कर्ष |
(a) विनम्रता अच्छे व्यवहार या शिष्टाचार जैसे सद्गुण का व्यावहारिक अनुप्रयोग है। यह सांस्कृतिक रूप से समाज से जुड़ा होता है। सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति के विनम्र व्यवहार का अत्यधिक महत्त्व है। विनम्रता व्यक्ति को अपने सहकर्मियाें (वरिष्ठ, कनिष्ठ एवं समकक्ष) तथा अन्य लोगों के बीच बेहतर सांमजस्यपूर्ण संबंध स्थापित करने में सहायक होती है।
(b) दयालुता व्यक्ति के नैतिक व्यवहार के रूप में परिभाषित है। यह व्यक्ति के करुणा तथा सहानुभूति जैसे अच्छे स्वभावों को प्रदर्शित करती है। सार्वजनिक जीवन में लोगों के व्यवहार को दयालुता महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। एक अधिकार संपन्न व्यक्ति के लिये आवश्यक है कि वह सुभेद्य तथा हाशिये पर पड़े लोगों के प्रति दया व करुणा का भाव रखे। दयालुता का गुण व्यक्ति के सार्वजनिक दायित्वों के निर्वाह में सहायक होता है।
(c) निष्कपटता से तात्पर्य है पाखंड रहित निश्च्छल व शुद्ध व्यवहार। निष्कपटता व्यक्ति के वास्तविक तथा कृत्रिमता रहित व्यवहार को दर्शाती है। निष्कपटता व्यक्ति को सार्वजनिक जीवन में वस्तुनिष्ठ रहते हुए तथा बिना किसी पूर्वाग्रह या दुराग्रह के कार्य करने की प्ररेणा देती है।
(d) उदारचरितता व्यक्ति के व्यवहार का वह गुण है जिसके अंतर्गत वह अलग-अलग तथा नए विचारों को सुनने और स्वीकारने को तैयार होता है। सार्वजनिक जीवन में उदारचरितता के व्यवहार का अत्यधिक महत्त्व है। यह व्यक्ति को रूढ़ तथा स्टीरियोटाइप (Stereotype) होने से रोेकती है। यह नए अनुप्रयोगों तथा रचनात्मकता को बढ़ावा देती है। उदारचरितता व्यक्ति को विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों में अनुकूलित करने में सहायक होती है।