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प्रश्न :
अच्छे सिटिजन चार्टर की विशेषताओं पर प्रकाश डालें। द्वितीय प्रशासनिक आयोग द्वारा वर्णित सिटिजन चार्टर की समस्याओं की चर्चा करते हुए, इन कमियों को दूर करने हेतु की गई अनुशंसा को रेखांकित करें।
06 Jun, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• भूमिका
• अच्छे सिटिजन चार्टर की विशेषताएँ
• द्वितीय प्रशासनिक आयोग द्वारा वर्णित सिटिजन चार्टर की समस्याएँ
• समस्याओं को दूर करने हेतु की गई अनुशंसाएँ
• निष्कर्ष
नागरिक घोषणा पत्र एक ऐसा दस्तावेज़ होता है जिसमें कोई संगठन अपनी सेवाओं के मानक, संगठन से संबंधित सूचनाओं, पंसद तथा परामर्श, सेवाओं तक भेदभाव रहित पहुँच शिकायत निवारण तथा शिष्टाचार आदि के संबंध थे अपनी प्रतिबद्धता का व्यवस्थित वर्णन करता है।
सिटिजन चार्टर की विशेषताएँ
- उपभोक्ताओं की आवश्यकताएँ केंद्र में हो।
- सरल भाषा।
- सेवा मानक तय हो।
- प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र।
- कार्यों का स्पष्ट विभाजन।
- प्रभावी निरीक्षण।
- समसामयिक पुनरावलोकन।
द्वितीय प्रशासनिक आयोग द्वारा वर्णित सिटिजन चार्टर की समस्याएँ
- भारत में सिटिजन चार्टर में गुणवत्ता का उल्लेख नहीं है।
- जिन विभागों ने गुणवत्ता का उल्लेख किया है उनका मानक अत्यधिक खराब है।
- अधिकांश चार्टर अत्यधिक लंबे हैं।
- उल्लेखित वादें अस्पष्ट व अर्थहीन होते हैं।
- भारत में क्षतिपूर्ति प्राप्त करना अत्यधिक कठिन है।
- इसका सुधार व पुनरावलोकन नहीं किया जाता।
- सिटिजन चार्टर निर्माण में वरिष्ठ नागरिकों व दिव्यांग लोगों के हितों का ध्यान नहीं रखा जाता।
- इसमें परिवर्तन का विरोध होता है।
- लोगों में जाग्रति का अभाव।
- चार्टर के निर्माण में उपभोक्ताओं व गैर-सरकारी स्वैच्छिक संगठनों की सलाह न लेना।
कमियों को दूर करने के लिये अनुशंसा:
- सेवाओं के गुणवत्ता के अभाव में दंड व मुआवज़े का स्पष्ट आह्वान होना चाहिये।
- उन्हें वादों का उल्लेख हो जिन्हें पूर्ण किया जा सके।
- लंबे आदर्शों की बजाय व्यवहारिक बिंदुओं का प्रयोग हो।
- निर्माण से पूर्व विभाग की अपनी संरचना आंतरिक व्यवस्था व प्रक्रिया को बेहतर करना चाहिये।
- एक समान चार्टर सभी पारिस्थितिकी के लिये उपयोग नहीं होता।
- इसलिये यह स्थानीय आवश्यकताओं व ज़मीनी हकीकत के अनुकूल होना चाहिये।
- निर्माण से पूर्व उस विभाग से संबंधित लोगों की सलाह लेनी चाहिये।
- स्पष्ट प्रतिबद्धता होनी चाहिये व शिकायत निवारण तंत्र नागरिक केंद्रित होना चाहिये।
- इसका मूल्यांकन नियमित रूप से होना चाहिये।
- परिणाम के लिये अधिकारियों का उत्तरदायित्व व निर्धारित होना चाहिये।
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