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प्रश्न :
संगम साहित्य में प्राचीन तमिल देश के समाज व संस्कृति का ज्ञान प्राप्त होता है। विश्लेषण कीजिये।
05 Jun, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहासउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• भूमिका
• संगम साहित्य से प्राचीन तमिल संस्कृति के बारे में प्राप्त जानकारियों के बिंदु
• निष्कर्ष
संगम युग 300 ई.पू. से 300 ई. तक के दक्षिण भारतीय इतिहास को संदर्भित करता हैं इस कालखंड में लिखी गई साहित्यिक रचनाओं को संगम साहित्य के नाम से जाना जाता है।
संगम साहित्य को तत्कालीन समाज के विषय में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाली शिलापादिकारम तथा मणिमेखले जैसे रचनाएँ उस समय की सामाजिक स्थिति को भली-भाँति उजागर करते हैं। इन ग्रंथों में तत्कालीन समाज नारी की स्थिति, दार्शनिक एवं शास्त्रार्थ संबंधित बातों को शामिल किया गया है। संगमकालीन समाज में वर्ण तथा जाति व्यवस्था उतनी सख्त नहीं थी जितनी उत्तर भारत में थी। सामाजिक वर्गों में ब्राह्मणों को समाज में सर्वाधिक प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त था। ब्राह्मणों के पश्चात् वेल्लार वर्ग का स्थान था। संगम युग के तमिल शाकाहार तथा मांसाहार दोनों तरह के भोजन करते थे। वे लोक संगीत, नृत्य एवं विविध प्रकार के बाघों द्वारा मनोरंजन किया करते थे। धनी वर्ग पक्के एवं निर्धन वर्ग कच्चे मकानों में रहते थे।
तमिल साहित्य में सांस्कृतिक पक्षों की भी जानकारी प्राप्त होती है। इस काल में मृतक के संस्कारों की जानकारी प्राप्त होती है। अग्निदाह एवं समाधीकरण दोनों ही विधियों द्वारा शव का अंतिम संस्कार किया जाता था। कभी-कभी शवों को खुले में जानवरों के खाने के लिये छोड़ दिया जाता था। ब्राह्मण अपना समय अध्ययन एवं अध्यापन में व्यतीत करते थे साथ ही अन्य धर्मों के अनुयायियों से उनका वाद-विवाद होता रहता था।
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