सरकार द्वारा जनजातीय छात्रों के लिये स्थापित ‘एकलव्य मॉडल’ आवासीय विद्यालयों के पुनरुद्धार को स्वीकृति प्रदान की गई है। भारत में जनजातीय शिक्षा की स्थिति को स्पष्ट करते हुए इसकी चुनौतियों पर प्रकाश डालें।
01 Jun, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 सामाजिक न्याय
हल करने का दृष्टिकोण: • भूमिका • भारत में जनजातीय शिक्षा की स्थिति • चुनौतियाँ • निष्कर्ष |
2011 की जनगणना के अनुसार 74.04% की राष्ट्रीय साक्षरता दर की तुलना में STs के मध्य साक्षरता का प्रतिशत केवल 50% है। इसके अतिरिक्त राज्यों के मध्य व्यापक अंतर्राज्यीय असमानता भी देखी जा सकती है, जैसे- मिजोरम तथा लक्षद्वीप में साक्षरता का प्रतिशत 91 से भी अधिक है जबकि आंध्र प्रदेश में यह 49.2% है। लैंगिक असमानता के संदर्भ में देखें तो अनुसूचित जनजाति के पुरुषों के मध्य साक्षरता दर का स्तर 68.5% है लेकिन महिलाओं के मध्य यह अभी भी 50% से भी कम है।
उपरोक्त स्थितियों को देखते हुए दूरस्थ क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के क्षेत्रों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, उन्हें उच्च तथा व्यावसायिक पाठ्यक्रमों तथा सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों की नौकरियों में आरक्षण का लाभ उठाने में सक्षम बनाने साथ ही ऐसी अवसंरचना का निर्माण करने जो छात्र जीवन की शैक्षिक, भौतिक, पर्यावरणीय तथा सांस्कृतिक आवश्यकताओं को पूरा करने आदि के उद्देश्य से भारत के संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत अनुदान प्रदान कर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की गई।
जनजातीय शिक्षा के समक्ष चुनौतियाँ