हिंद महासागर के ‘सुनामी प्रवण क्षेत्र’ होने के क्या कारण हैं? हाल के दिनों में इसकी तलहटी में एक नए प्लेट सीमांत के बनने की परिघटना एवं उसके प्रभाव को स्पष्ट करें।
22 May, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल
हल करने का दृष्टिकोण • हिंद महासागर और सुनामी प्रवण क्षेत्र का संक्षिप्त परिचय लिखते हुए उत्तर प्रारंभ करें। • हिंद महासागर में सुनामी प्रवण क्षेत्र विकसित होने के कारण बताएँ। • वर्तमान में इस क्षेत्र में प्लेट सीमांत विकसित होने के कारणों एवं प्रभावों की चर्चा करते हुए उत्तर लिखें। |
तीव्र भूकंप के दौरान समुद्री प्लेट कई मीटर तक खिसक जाती है, फलस्वरूप समुद्री सतह पर ज़बरदस्त उथल-पुथल मचती है और इस कारण सागर की सतह पर जल बड़ी-बड़ी लहरों के रूप में उठता है। यद्यपि महासागरों में ये बहुत कम ऊँचाई की होती हैं, किंतु जैसे-जैसे यह किनारों की ओर बढ़ती हैं तो इसकी ऊँचाई और तीव्रता बढ़ती जाती है। यही तीव्र और ऊँची लहरें धरातल पर सुनामी कहलाती हैं। हिंद महासागर भूगर्भिक रूप से प्लेट सीमाओं से बहुत दूर है, फिर भी यह सुमात्रा और अन्य क्षेत्रों के नज़दीक स्थित अत्यधिक सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र के काफी निकट है जो इन क्षेत्रों में उत्पन्न भूकंप से हिन्द महासागर में सुनामी का खतरा उत्पन्न करता है।
वर्ष 2004 में उत्पन्न सुनामी से हुए नुकसान के कारण यह क्षेत्र सुनामी प्रवण क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया जाने लगा। यद्यपि हिन्द महासागर में सुनामी का आना बहुत ही दुर्लभ है क्योंकि यहाँ प्रशांत महासागर की तुलना में भूकंपीय हलचलें बहुत ही कम होती हैं। फिर भी इण्डोनेशियाई द्वीपसमूह में अवस्थित ज्वालामुखीय क्रियाओं के कारण भूकंप की संम्भावनाएँ बनती रहती हैं।
वर्ष 2012 में अंडमान-सुमात्रा क्षेत्र में आए भूकंप के कारण इस क्षेत्र में नवीन प्लेट सीमांत के विकसित होने की संभावना जताई जा रही है। इस भूकंप के पूर्व, पश्चात् और भूकंप के दौरान एकत्रित किये गए आँकड़ों के आधार पर वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि हिन्द महासागर की तलहटी में एक नवीन प्लेट सीमांत विकसित हुई है। यह भूकंप इतना तीव्र था कि इससे अंतर-प्लेट भूकंप उत्पन्न हुआ और तीव्र झटके के कारण प्लेट में दरार उत्पन्न हो गई।
यह नवीन प्लेट सीमांत इस क्षेत्र में भूकंपों की बारम्बारता को बढ़ा सकती है। इससे हिन्द महासागर क्षेत्र तथा भारतीय उपमहाद्वीप के तटीय क्षेत्रों में सुनामी आने का खतरा बढ़ गया है। इससे मत्स्य पालन, तटीय पारिस्थितिकी, पर्यटन, तटीय अवसंरचना आदि क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं।
निष्कर्षत: यह कहा जा सकता है कि हिन्द महासागर तकनीकी रूप से सुनामी प्रवण क्षेत्र नहीं है, किंतु नवीन भूगर्भिक हलचलों के कारण इस क्षेत्र में सुनामी आने की संभावनाएँ बढ़ गई हैं।