ऊष्मा द्वीप से आप क्या समझते हैं? इसके लिये उत्तरदायी कारकों की संक्षेप में चर्चा करें।
07 Jul, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल
उत्तर की रूपरेखा
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नगरों के केंद्रीय व्यवसाय क्षेत्र या चौक क्षेत्र में उच्च तापमान को ऊष्मा द्वीप कहा जाता है।
यदि किसी भी नगर के तापीय पार्श्वचित्र पर दृष्टिपात किया जाए तो यह स्पष्ट होता है कि नगर के केंद्र में उच्चतम तापमान होता है तथा केंद्र से बाहर की ओर तापमान में क्रमशः कमी होती जाती है। तापमान में यह कमी मंद गति से होती है परंतु नगर तथा ग्रामीण क्षेत्र की सीमा पर तापमान में अचानक कमी हो जाती है।
सामान्यतया नगर केंद्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों के बीच तापमान में अंतर 6° सेंटीग्रेड तक रहता है परंतु कभी-कभी यह अंतर 12° सेंटीग्रेड या उससे अधिक हो जाता है। नगरीय ऊष्मा द्वीप का परिमाण नगर के विस्तार एवं वायु की गति से संबंधित होता है। नगर का विस्तार जितना अधिक होगा, वायु भी उतनी ही अधिक प्रबल होगी। अधिक तेज तथा प्रबल वायु के कारण ऊष्मा द्वीप का प्रभाव कम हो जाता है।
निम्न कारकों एवं क्रियाविधियों द्वारा ऊष्माद्वीप का निर्माण होता है-
यद्यपि ऊष्मा द्वीप सर्वमौसम तथा दैनिक घटना है परंतु नगरों में ऊष्मा द्वीप की स्थिति रात में भी बनी रहती है क्योंकि खड़ंजों, पक्के फर्शों तथा दीवारों में दिन के समय भंडारित ऊष्मा का रात में विमोचन होने से ऊष्मा की मौजूदगी बनी रहती है। अतः नगरीय ऊष्मा द्वीप की स्थिति वर्ष भर बनी रहती है।