नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    ऊष्मा द्वीप से आप क्या समझते हैं? इसके लिये उत्तरदायी कारकों की संक्षेप में चर्चा करें।

    07 Jul, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा

    • प्रभावी भूमिका लिखते हुए ऊष्मा द्वीप को संक्षेप में स्पष्ट करें।
    • तार्किक एवं संतुलित विषय-वस्तु में ऊष्मा द्वीप को विश्लेषित करते हुए इसके लिये उत्तरदायी कारकों की संक्षेप में चर्चा करें।
    • प्रश्नानुसार संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।

    नगरों के केंद्रीय व्यवसाय क्षेत्र या चौक क्षेत्र में उच्च तापमान को ऊष्मा द्वीप कहा जाता है। 

    यदि किसी भी नगर के तापीय पार्श्वचित्र पर दृष्टिपात किया जाए तो यह स्पष्ट होता है कि नगर के केंद्र में उच्चतम तापमान होता है तथा केंद्र से बाहर की ओर तापमान में क्रमशः कमी होती जाती है। तापमान में यह कमी मंद गति से होती है परंतु नगर तथा ग्रामीण क्षेत्र की सीमा पर तापमान में अचानक कमी हो जाती है। 

    सामान्यतया नगर केंद्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों के बीच तापमान में अंतर 6° सेंटीग्रेड तक रहता है परंतु कभी-कभी यह अंतर 12° सेंटीग्रेड या उससे अधिक हो जाता है। नगरीय ऊष्मा द्वीप का परिमाण नगर के विस्तार एवं वायु की गति से संबंधित होता है। नगर का विस्तार जितना अधिक होगा, वायु भी उतनी ही अधिक प्रबल होगी। अधिक तेज तथा प्रबल वायु के कारण ऊष्मा द्वीप का प्रभाव कम हो जाता है। 

    निम्न कारकों एवं क्रियाविधियों द्वारा ऊष्माद्वीप का निर्माण होता है-

    • नगरीय क्षेत्रों की पक्की संरचनाएँ वानस्पतिक आवरण वाले क्षेत्रों की तुलना में सौर्यिक विकिरण का अधिक अवशोषण करती हैं। वास्तव में सौर्यिक विकिरण अपनी पूर्ण शक्ति के साथ सतह तक पहुँचता है। 
    • सौर्यिक विकिरण के अलावा मानव-जनित स्रोतों जैसे- वृहद् औद्योगिक नगरों एवं अन्य महानगरों में औद्योगिक प्रतिष्ठानों से, स्थानों के तापन एवं शीतलन से, घरों तथा शक्ति गृहों से उत्सर्जित ऊष्मा से भी अतिरिक्त ऊष्मा मिलती है। 
    • आधुनिक नगरों में प्रयोग की जाने वाली निर्माण सामग्रियों, पक्की दीवारों तथा फर्शों एवं खड़ंजों के कारण नगर केंद्र में तापमान बढ़ जाता है क्योंकि ये सौर्यिक विकिरण का अधिकाधिक मात्रा में अवशोषण करते हैं। 
    • आधुनिक बड़े नगरों में सतह पर जल के अभाव में वाष्पीकरण न होने के कारण ऊष्मा खर्च नहीं हो पाती है जिस कारण नगर में आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में तापमान अधिक हो जाता है।
    • नगर के ऊष्मा द्वीप की तीव्रता तथा नगर की जनसंख्या एवं भवनों के घनत्व में सीधा धनात्मक संबंध होता है। नगरों में भवनों के उच्च घनत्व तथा संकरी सड़कों एवं गलियों वाले भाग में तापमान अधिक होता है, जबकि विरल भवन एवं चौड़ी सड़कों तथा गलियों वाले भाग में तापमान अपेक्षाकृत कम होता है। 

    यद्यपि ऊष्मा द्वीप सर्वमौसम तथा दैनिक घटना है परंतु नगरों में ऊष्मा द्वीप की स्थिति रात में भी बनी रहती है क्योंकि खड़ंजों, पक्के फर्शों तथा दीवारों में दिन के समय भंडारित ऊष्मा का रात में विमोचन होने से ऊष्मा की मौजूदगी बनी रहती है। अतः नगरीय ऊष्मा द्वीप की स्थिति वर्ष भर बनी रहती है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow