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प्रश्न :
हाल ही में भारत तथा बेल्जियम के मध्य प्रत्यर्पण संधि संपन्न हुई, प्रत्यर्पण संधि से आप क्या समझते हैं। भारत में प्रत्यर्पण के क्या प्रावधान हैं, उपरोक्त दोनों देशों द्वारा की गई संधि की विशेषताओं पर प्रकाश डालें।
18 May, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंधउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• प्रत्यर्पण संधि से तात्पर्य
• भारत में प्रत्यर्पण संधि के प्रावधान
• भारत तथा बेल्जियम के मध्य संपन्न हुए प्रत्यर्पण संधि के प्रावधान
• निष्कर्ष
प्रत्यर्पण से आशय उस कानूनी प्रक्रिया से है जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसे एक देश से दूसरे देश में स्थानांतरित किया जा सकता है। इसमें एक सरकारी प्राधिकरण औपचारिक और कानूनी रूप से किसी कथित अपराधी को अपराध हेतु अभियोजन का सामना करने के लिये किसी अन्य सरकार से उसकी मांग करता है।
जाँचाधीन, विचाराधीन और सज़ायाक्ता अपराधियों के मामले में आरोपी के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया जा सकता है।
भारत में प्रत्यर्पण के प्रावधान
- भारत दुनिया के किसी भी देश की प्रत्यर्पण का प्रस्ताव भेज सकता है। यदि भारत ने इस संदर्भ में इस देश के साथ किसी प्रकार की संधि की है तो सभी नियम उस संधि के आधार पर ही निर्धारित किये जाएँगे। यदि भारत की उस देश के साथ संधि नहीं है तो ऐसी स्थिति में संपूर्ण प्रक्रिया उस देश के घरेलू कानूनों के आधार पर निर्धारित की जाएगी। उचित संधि के अभाव में प्रत्यर्पण भारत और उस देश के संबंधों पर निर्भर करेगा।
दोनों देशों के मध्य हुई संधि के महत्त्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं-
- प्रत्यर्पण हेतु दायित्व निर्धारण।
- प्रत्यर्पण संबंधी प्रावधान।
- अस्वीकार्यता के लिये अनिवार्य आधारों का स्पष्टीकरण।
- दोषी की राष्ट्रीयता संबंधी अधिकार अर्थात् राष्ट्रीयता का निर्धारण उस समय के अनुसार किया जाएगा जब अपराध किया गया है।
निष्कर्षत: भारत तथा बेल्जियम द्वारा नवीनीकृत प्रत्यर्पण संधि अवश्य ही दोनों देशों के मध्य संबंधों की मजबूती का एक नया आयाम प्रस्तुत करती है।
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