दो ऐसे गुण बताइये जिन्हें आप एक लोकसेवक के लिये महत्त्वपूर्ण समझते हैं। अपने उत्तर का औचित्य भी समझाइये।
15 May, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
हल करने का दृष्टिकोण: • भूमिका • लोकसेवक के लिए अनिवार्य गुण • महत्त्व एवं आवश्यकता • निष्कर्ष |
सामान्यत: एक लोकसेवक पर विशाल धनराशि या जननिधि को खर्च करने का दायित्व होने के साथ ही सरकारी नीतियों का क्रियान्वयन करते हुए कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को साकार करने की अपेक्षाएँ भी होती है। इसलिये लोकसेवा के लिये कुछ बुनियादी मूल्यों का होना आवश्यक समझा गया है जिनमें सत्यनिष्ठा, अध्यावसाय, सेवा-भाव, प्रतिबद्धता, साहसपूर्ण दृढ़ता, सहिष्णुता तथा करुणा प्रमुख है।
मेरा मानना है कि एक लोकसेवक में सत्य तथा करुणा का गुण होना अति आवश्यक है।
सत्यनिष्ठा: लोक जीवन में सत्यनिष्ठा का अर्थ है- अपने कथनों तथा कृत्यों में ईमानदारी और सुसंगति बनाए रखना अर्थात् किसी व्यक्ति के न केवल नैतिक सिद्धांतों और मूल्यों के मध्य सुसंगति होनी चाहिये, बल्कि उसके नैतिक सिद्धांतों तथा व्यवहारों के बीच भी सुसंबद्धता होनी चाहिये। उदाहरण के लिये- यदि किसी लोकसेवक से विभागीय तौर पर कोई ऐसी गलती हो जाए जिसे वह अपने से उच्च अधिकारी से छिपा सकता हो, पर वह ऐसा न करके संबद्ध अधिकार को सबकुछ बता देता है और गलती हेतु माफी भी मांगता है तो यह उसकी सत्यनिष्ठा है।
करुणा: करुणा का अर्थ कमज़ोर वर्गों के प्रति उत्पन्न होने वाली उस भावना से है जो उसकी उस कमज़ोर स्थिति को समझने तथा उनके प्रति समानुभूति चिंता रखने से उत्पन्न होती है। कमजोर वर्गों के प्रति करुणा की यह आवश्यकता इसलिये है, क्योंकि ये वर्ग विकास की प्रक्रिया में इतना पिछड़ चुके हैं कि इन्हें साधारण उपायों से मुख्य धारा में नहीं लाया जा सकता। अगर लोकसेवकों में इनके प्रति करुणा का भाव होगा तो उनकी दशा सुधारने के लिये भीतर से प्रतिबद्ध होंगे। समावेशी संवृद्धि को साधने के लिये भी यह आवश्यक है।