‘राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम’ क्या है? इसके प्रमुख प्रावधानों की चर्चा करते हुए इसकी चुनौतियों पर प्रकाश डालें।
उत्तर :
हल करने एक दृष्टिकोण:
• भूमिका
• कार्यक्रम के प्रावधान
• चुनौतियाँ
• निष्कर्ष
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पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की शुरुआत की गई। यह वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की एक पहल है।
प्रावधान:
- इसके अंतर्गत वर्ष 2024 तक प्रदूषक कणों की सांद्रता को 20 से 30 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
- इसमें वर्ष 2017 को तुलना के लिये आधार वर्ष के रूप में तथा वर्ष 2019 को प्रथम वर्ष के रूप में निर्धारित किया गया है।
- इस कार्यक्रम को 102 नॉन-अटेनमेंट शहरों (जो लगातार पाँच वर्षों तक पीएम10 या नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के लिये राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में विफल रहे है।) में कार्यान्वित किया जाएगा।
- शहरों का चयन राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (2011-2015) और विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट 2014/2018 के आधार पर किया गया है।
- इसके घटक हैं-
- वेब आधारित, त्रिस्तरीय तंत्र
- व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण
- क्षेत्रीय तथा सीमा-पार योजना
- सूचना तथा डेटाबेस संवर्द्धन
- संस्थागत सुदृढ़ीकरण
चुनौतियाँ:
- यह कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है। अत: एक मज़बूत आधार प्रदान करने की आवश्यकता है।
- कार्यक्रम को लेकर कोई स्पष्ट राजकोषीय नीति का अभाव है।
- इसके तहत वर्तमान आकांक्षाओं का जो स्तर है वह देश में श्वसन योग्य वायु की गुणवत्ता सुधार करने में सक्षम नहीं होगा, क्योंकि देश के अधिकांश हिस्सों में प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है कि इसमें 30 प्रतिशत की कमी होने पर भी निर्धारित मानकों के ऊपर ही रहेगा।
उपरोक्त चुनौतियों के बावजूद यह माना जा सकता है कि यह अपने प्रकार का प्रथम प्रयास है जिसके तहत समयबद्ध न्यूनीकरण लक्ष्य सहित वायु गुणवत्ता के प्रबंधन के लिये एक राष्ट्रीय रूपरेखा तैयार की गई है जिसमें शहरी तथा ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिये किये गए उपायों को समाविष्ट करने का प्रयास किया गया है।