हाल ही में राज्यसभा में दिये गए एक विवरण में यह कहा गया कि वर्ष 2018-19 में ई-कचरे की मात्रा वर्ष 2017-18 की तुलना में दो गुना से अधिक हो गई है। ई-कचरा तथा इसके प्रबंधन से आप क्या समझते हैं? ई-कचरा हेतु किये जा रहे प्रयासों को रेखांकित कीजिये।
11 May, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण
हल करने का दृष्टिकोण: • भूमिका • ई-कचरा प्रबंधन के प्रयास • अन्य समाधान के साथ निष्कर्ष |
जब किसी इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, जैसे- कंप्यूटर, टीवी, फैक्स मशीन, कॉपियर आदि को उनके उपयोग के पश्चात् बिना पुनर्नवीनीकरण किये फेंक दिया जाता है, तो उसे ई-कचरा कहा जाता है। प्रौद्योगिकी के तेज़ी से विस्तार तथा उपभोक्तावादी समाज के कारण यह तेज़ी से बढ़ रहा है।
पारा-सीसा तथा ब्रोमिनेटेड फ्लेम रिटार्डेट्स जैसे विषैले पदार्थों की उपस्थिति के कारण बेसल कन्वेंशन में इसे खतरनाक अपशिष्ट माना गया है। भारत में ई-कचरे का पुनर्नवीनीकरण देश अनौपचारिक क्षेत्र द्वारा किया जाता है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में भारत में ई-कचरा के पुनर्नवीनीकरण की स्थिति ठीक नहीं है।
ई-कचरा प्रबंधन के प्रयास
ई-कचरा (प्रबंधन) संशोधन नियम, 2018: इसके अंतर्गत यदि किसी उत्पादक के बिक्री परिचालन के वर्ष उसके उत्पादों की औसत आयु से कम होंगे, तो ऐसे नए उत्पादकों के लिये ई-कचरा संग्रहण हेतु अलग लक्ष्य निर्धारित किये जाएंगे।
उपरोक्त के अतिरिक्त ई-कचरे के निपटाने के लिये औपचारिक प्रणाली अपनाने के साथ ही ई-अपशिष्ट निपटान में लगे हुए कर्मचारियों को सुरक्षित रोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिये। चक्रीय अर्थव्यवस्था को अपनाया जाना चाहिये, साथ ही 3-R रणनीति अर्थात् Reduce, Reuse, Recycle को अपनाया जाना चाहिये।