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प्रश्न :
तापीय प्रतिलोमन से आप क्या समझते हैं? इसके कारण मानव जीवन किस प्रकार प्रभावित होता है। चर्चा करें।
05 May, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोलउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• तापीय प्रतिलोमन से तात्पर्य
• मानव जीवन पर इसका प्रभाव
• निष्कर्ष
तापीय ह्रास के सामान्य नियम के अनुसार ऊँचाई के साथ तापमान में क्रमिक रूप से गिरावट आती है, किंतु तापीय प्रतिलोमन की दशाओं में सामान्य नियम के विपरीत ऊँचाई में वृद्धि के साथ तापमान में वृद्धि देखी जाती है। तापीय प्रतिलोमन की परिघटना प्राय: कालिक तथा स्थानीय होती है। इस दशा में वायु की ठंडी परतें भारी होने के कारण नीचे बैठ जाती है जबकि गर्म हवा की परते ऊपर उठ जाती है।
इस परिघटना से मानवीय जीवन किस प्रकार प्रभावित होता है, इसे निम्नलिखित बिंदुओं के अंतर्गत समझा जा सकता है-
- तापीय प्रतिलोमन की परिघटना अगर धरातल के समीप घटित होती है तो संवहनीय मेघों के विकास में बाघा उत्पन्न होती है जिससे वर्षा हेतु प्रतिकूल दशाओं का निर्माण होता है।
- वायुमंडल में धूलकण व धुएँ तथा मुहरे से दृश्यता भी कम हो जाती है जिससे यातायात व मानव जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- वाताग्री व्युत्क्रमण के कारण वर्षा के लिये अनुकूल स्थिति उत्पन्न होती है। इस प्रकार की वाताग्री वर्षा भूमध्यसागरीय प्रदेश में अधिक देखने को मिलती है। इस वर्षा के कारण भूमध्य सागरीय प्रदेश में रसदार फलों की खेती के लिये अनुकूल दशाओं का निर्माण होता है।
- तापीय प्रतिलोमन के प्रभाव से वायुमंडल की विभिन्न प्रतों में वायु की गति व दिशा में अंतर उत्पन्न होता है जिससे हल्के वायुयानों के यातायात में बाधा उत्पन्न होती है।
- शीत ऋतु में तापीय प्रतिलोमन के कारण पर्वतीय घाटियों में शांत तथा स्वच्छ रात्रि में पाले का प्रकोप देखने को मिलता है जो पसलों के लिये हानिकारक हैं।
उपरोक्त से स्पष्ट है कि तापीय प्रतिलोमन मानव जीवन को अनुकूल तथा प्रतिकूल दोनों रूपों ने प्रभावित करता है।
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