हाल ही में केंद्रीय मंत्रीमंडल ने आयुष्मान भारत योजना का भाग रहे आयुष स्वास्थ्य तथा कल्याण केंद्र को राष्ट्रीय आयुष मिशन से शामिल करते की मंजूरी प्रदान की। इस संदर्भ में राष्ट्रीय आयुष स्वास्थ्य मिशन के उद्देश्यों तथा महत्त्व की चर्चा करते हुए, इसके समक्ष आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करें।
04 May, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण: • भूमिका • राष्ट्रीय आयुष मिशन के उद्देश्य • इस मिशन का महत्त्व • चुनौतियाँ • निष्कर्ष |
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 में आयुष प्रणाली की क्षमताओं को एक एकीकृत स्वास्थ्य सेवा का रूप देने तथा चिकित्सा पद्धति की मुख्यधारा में शामिल करने पर बल दिया गया। केंद्र द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि वर्तमान में मौजूद कुल स्वास्थ्य उपकेंद्रों में से 10% का स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों के रूप में संचालन आयुष एवं कल्याण केंद्रों के रूप में संचालन आयुष मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य आयुष सिद्धांतों तथा अभ्यासों के आधार पर एक समग्र कल्याण मॉडल स्थापित करना था, जिससे लोगों को स्वत: देखभाल के जरिये बीमारियों से बचने और अतिरिक्त खर्च बचाने में सक्षम बनाया जा सके तथा ज़रूरत मंद लोगों को उपचार का एक नया विकल्प मुहैया कराया जा सके।
उद्देश्य: मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं के एकीकरण के माध्यम से आरोग्यकर, निवारक, पुनर्सुधारक और उपशामक स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान केंद्रित करते हुए आयुष सिद्धांतों तथा अभ्यासों पर आधारित एक संपूर्ण बेलसेन मॉडल को स्थापित करना।
महत्त्व: हाल ही में आयुष्मान भारत योजना के तहत कोरोनावायरस का मुफ्त प्रीक्षण तथा उपचार प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
चुनौतियाँ: भारत लगभग 133 करोड़ जनसंख्या के साथ विश्व में दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है जबकि डॉक्टरों की उपलब्धता का अनुपात 0.62:1000 हैं जो बहुत चिंताजनक आँकड़ा है।
निष्कर्षत: सर्वप्रथम पहले से स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों में बदलकर और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करके बड़ी जनसंख्या तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करना चाहिये।