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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    भारत में सुपर कंप्यूटिंग के विकास पर प्रकाश डालते हुए भारत में सुपर कंप्यूटिंग के समक्ष आने वाली चुनौतियों की चर्चा करें।

    02 May, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टकोण:

    • सुपर कंप्यूटर की अवधारणा सहित भूमिका

    • सुपर कंप्यूटिंग के के समक्ष आने वाली चुनौतियाँ

    • समाधान युक्त निष्कर्ष

    सुपर कंप्यूटर, किसी सामान्य उद्देश्य वाले कंम्प्यूटर की तुलना में उच्च स्तरीय कम्प्यूटिशनल क्षमता वाला एक कंप्यूटर होता है। सुपरकम्प्यूटर की गति का मापन, फ्लोटिंग-पॉइट ऑपरेशन्स प्रति सेकेंड (FLOPS) की बजाय मिलियन इंस्ट्रक्शन प्रति सेकेंड (MIPS) में  किया जाता हैं। इसका उपयोग सामान्यत: ऐसे वैज्ञानिक तथा अभिायंत्रिकी अनुप्रयोगों हेतु किया जाता है जो वृहद डेटाबेस के नियंत्रण अथवा बड़ी मात्रा में संगणात्मक (या दोनों) कार्यों में संलग्न होते हैं।

    इसके अंतर्गत क्लाइमेट मॉडलिंग, कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी, डिफेंस एप्लीकेशन्स, साइबर फिज़िकल सिस्टम, बिग डेटा एनालिटिक्सआदि शामिल हैं। विश्व के शीर्ष 500 सुपर कंप्यूटरों की सूची में भारत के चार सुपर कंप्यूटर शामिल हैं। प्रत्युक्ष एवं मिहिर भारत के सर्वाधिक तीव्र सुपर कंप्यूटर्स हैं तथा हाल ही में, राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मिशन के तहत C-DAC द्वारा अभिकल्पित और निर्मित सुपर कंप्यूटर परम शिवाय का लोकार्पण IIT-BHu में किया गया। 

    चुनौतियाँ:

    • सीमित निवेश और धनराशि की समस्याओं के कारण भारत इस क्षेत्र में पिछड़ गया है।
    • भारत सॉफ्टवेयर विकास में अग्रणी रहा है, परंतु सुपर कंप्यूटर निर्माण के लिये आवश्यक हार्डवेयर घटकों की खरीद हेतु भारत को आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। हार्डवेयर घटकों में अत्याधुनिक तकनीक को प्राप्त कठिन है। क्योंकि सुपरकंप्यूटिंग एक विशेषज्ञतापूर्ण क्षेत्र है।
    • विशाल बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भी सुपरकंप्यूटिंग क्षेत्र में प्रवेश किया हैं। सुपर कंप्यूटरों को विकसित करने तथा उनके प्रबंधन हेतु प्रतिभाओं को बनाए रखने के संबंध में ऐसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना सरकार के लिये कठिन सिद्ध हो सकता है।
    • कई कारकों जैसे उच्च प्रारंम्भिक निवेश की आवश्यकता व दुर्लभ मृदा धातुओं की सीमित उपलब्धता के कारण वास्तविक चिप डिज़ाइन तथा विनिर्माण उद्योग प्रोत्साहित होगा।

    निष्कर्षत: भारत में सॉफ्टवेयर कौशल तथा कार्मिक आधार विद्यमान है। सुपर कंप्यूटर प्रौद्योगिकी के सॉफ्टवेयर घटकों पर नवाचार की आगे बढ़ाने के लिये इस आधार पर प्रभावी लाभ उठाया जा सकता है तथा पर्याप्त वित्त पोषण के आधार पर भारत में इसे प्रोत्साहित किया जा सकता है

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