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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    हाल ही में UNEP द्वारा बढ़ते ‘इनडोर’ वायु प्रदूषण के संदर्भ में चिंता व्यक्त की गई। बढ़ते इनडोर वायु प्रदूषण के कारणों की चर्चा करते हुए इससे निपटने हेतु उपायों को रेखांकित करें।

    01 May, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • इनडोर वायु प्रदूषण से जुड़े आँकड़े

    • कारण

    • समाधान

    • निष्कर्ष

    हाल ही में हुए कुछ अध्ययनों से यह स्पष्ट होता है कि घरेलू उत्सर्जन वायु प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से एक है। ‘इनडोर’ वायु प्रदूषण घर, भवन, संस्था या व्यावसायिक प्रतिष्ठान के आंतरिक वातावरण में वायु की भौतिक, रासायनिक तथा जैविक गुणों में गिरावट को संदर्भित करता है। स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2019 के अनुसार खाना पकाने के लये ठोस ईधन के उपयोग से उत्पन्न होने वाले घरेलू वायु प्रदूषण से 3.6 बिलियन लोग (वैश्विक जनसंख्या का 47%) प्रभावित थे। घरेलू प्रदूषण से होने वाली मौतों की सर्वाधिक संख्या भारत में थी, इसके बाद चीन का स्थान है।

    इनडोर वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण:

    • खुली आग, असुरक्षित ईधन या बायोमास, कोयला और मिट्टी के तेल का प्रयोग।
    • गैस-स्टोव या अपरिष्कृत रूप से स्थापित काष्ठ-दहन इकाइयाँ।
    • अत्यधिक सटे हुए सघन भवनों का निर्माण ऐसे भवनों में प्रदूषकों का संचय उच्च स्तर पर होता है। यह घरों में निम्नस्तरीय वेंटिलेशन का कारण भी बनता है, जिससे घर में वायु का क्रॉस वेटिंलेशन संभव नहीं हो पाता है।
    • निर्माण सामग्री से निर्मुक्त एस्बेस्टस घर के आतंरिक प्रदूषण का प्रमुख कारक है। निर्माण कार्यों में सिंथेटिक सामग्री के उपयोग में वृद्धि होती है। पेंट, कोटिंग्स और टाइल्स एस्बेस्टस के मुख्य स्रोत है।
    • तम्बाकू का धुआँ: हानिकारक रसायनों की विस्तृत श्रृंखला उत्पन्न करता है।
    • जैविक प्रदूषण: जिसमें पौधों के परागण, पालतू जानवरों के बाल, कवक, परिजीवी और कुछ जीवाणु/बैक्टीरिया।

    इनडोर उत्सर्जन को कम करने के उपाय

    • सार्वजनिक जागरुकता: इसके द्वारा स्वास्थ्य एवं कल्याण के समक्ष उत्पन्न किये जाने वाले गंभीर खतरों के विषय में जनसामान्य में जागरुकता का प्रसार करना।
    • ईधन के उपयोग की पद्धति में परिवर्तन किया जाना चाहिये।
    • घरेलू उपकरणों, भवनों, प्रकाश, तापन तथा शीतलन की ऊर्जा दक्षता में सुधार हेतु विभिन्न पहलों और छतों के ऊपर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना को प्रोत्साहित करना।
    • घर के निर्माण के दौरान बेहतर वेटिलेंशन व्यवस्था को महत्त्व दिया जाना चाहिये तथा व्रॉस वेंटिलेशन जैसे उपायों को अपनाया जाना चाहिये।

    निष्कर्षत: घरों के अंदर व्याप्त वायु प्रदूषण की समस्या से निपटना तथा घरेलू ऊर्जा के लिये सार्वभौमिक पहुँच प्रदान करना, स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, निर्धनता को कम करने तथा पर्यावरण का संरक्षण करने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है; यह संधारणीय विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है।

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