नैतिक शासन से आप क्या समझते हैं? नैतिक शासन के मापदंड संबंधित बिंदुओं को रेखांकित करें।
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• नैतिक शासन की परिभाषा
• नैतिक शासन के प्रतिमान
• निष्कर्ष
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नैतिक शासन की स्थापना से आशय ऐसे शासन तथा प्रशासन की स्थापना जहाँ सभी स्तरों पर नैतिक आचरण का पालन किया जाए। यह काफी हद तक सुशासन या गुड गवर्नंस के निकट है। वस्तुत: नैतिक शासन की कोई निश्चित अवधारणा व होकर एक सामान्य शब्दावली है। शासन-प्रशासन के नैतिक प्रतिमान निम्नवत हैं-
- पारदर्शी तथा उत्तरदायी शासन सुनिश्चित करने वाली संस्थाओं तथा प्रक्रियाओं की उपस्थिति।
- ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति की जाए जो नौकरी को नौकरी न मानकर ‘स्वधर्म’ समझें अर्थात उनमें प्रतिबद्धता का गुण आवश्यक रूप से होना चाहिये।
- विधि के शासन का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिये।
- प्रत्येक मानव के अधिकारों का पूर्ण सम्मान हो।
- अधिकारी तथा जनप्रतिनिधियों को जनता के कहने से पहले ही उनकी आवश्यकताओं को महसूस कर उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करना चाहिये।
- कानून का निर्माण करते समय लोगों के सामाजिक हितों का ईमानदारी पूर्वक ध्यान रखा जाना आवश्यक है।
- व्यक्तियों के जीवन मूल्य तथा विद्यार्थी अधिकार पूर्णत: सुरक्षित हो तथा उल्लंघन होने की स्थिति में उन्हें त्वरित राहत प्रदान की जानी चाहिये।
- राज्य के सभी अंगों में तथा सभी स्तरों पर समाज के विभिन्न वर्गों का उचित प्रतिनिधित्व होना चाहिये।
- समाज के विभिन्न वर्गों को प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर कम-से-कम इतनी ज़िम्मेदारी मिले जितनी समाज में है।
- महिलाओं के संदर्भ में इस अनुपात का पालन नहीं हो रहा है।
- अनुसूचित जाति तथा जनजाति का प्रतिनिधित्व आरक्षण के कारण बढ़ा है परंतु वह भी अभी निचले स्तर तक ही हैं।