रूस तथा चीन के मध्य बढ़ती सामरिक घनिष्ठता का भारत तथा रूस के संबंध किस प्रकार संभावित होंगे? चर्चा करें।
24 Apr, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध
हल करने का दृष्टिकोण: • भूमिका • रूस एवं चीन के बढ़ते संबंध • भारत तथा रूस के संबंधों पर प्रभाव • निष्कर्ष |
हाल ही में चीन तथा रूस के मध्य प्रथम सीमा-पार पाइपलाइन ‘पावर ऑफ साइबेरिया’ का उद्घाटन किया गया जो रूस तथा चीन के मध्य द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगाँठ को इंगित करता है। उल्लेखनीय है कि चीन विश्व का सबसे बड़ा ऊर्जा आयातक तथा उपभोक्ता है। इससे चीन को कोयले के स्थान पर स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों को अपनाने में सहायता प्राप्त होगी।
उपरोक्त के अतिरिक्त रूस तथा चीन के मध्य बढ़ते सहयोग के अन्य क्षेत्र:
भारत तथा रूस के संबंधों पर प्रभाव:
निष्कर्षत: भारत की रणनीति सदैव प्रतिरक्षा आधारित रही है। भारत की रूस के साथ मिलता एक ‘विशेष तथा विशेषाधिकार प्राप्त’ साझेदार की है। वैश्वीकरण के दौर में बढ़ती अंतरनिर्भरता के कारण रूस तथा भारत दोनों के लिये यह आवश्यक है कि दोनों देश अपने द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ बनाए तथा किसी अन्य देश द्वारा इन्हें नकारात्मक रूप से प्रभावित होने से बचाए।