- फ़िल्टर करें :
- भूगोल
- इतिहास
- संस्कृति
- भारतीय समाज
-
प्रश्न :
भारत में जल संकट की गंभीर स्थिति, जल संरक्षण की दिशा में कुछ नवाचारी प्रयासों की मांग करती है। टिप्पणी करें।
20 Apr, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोलउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• भूमिका
• जल संकट की गंभीर स्थिति के आँकड़े
• जल संकट के कारण
• जल संरक्षण के नवाचारी बिंदु
• निष्कर्ष
नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 600 मिलियन लोग, ‘अत्यधिक से अत्यंत गंभीर’ जल संकट की समस्या का सामना कर रहे हैं। 75 प्रतिशत घरों में आज भी पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं है। भारत में जल की वार्षिक प्रति व्यक्ति उपलब्धता वर्ष 2001 के 1820 क्यूबिक मीटर से घटकर 2011 में 15.45 क्यूबिक मीटर रह गई है। वर्तमन में लगभग 70 प्रतिशत पेयजल प्रदूषित हो चुका है।
भारत में बढ़ते जल संकट को ध्यान में रखते हुए सरकार का लक्ष्य जल संरक्षण एवं भविष्य को सुरक्षित रखने हेतु स्वच्छ भारत मिशन के समान एक जन आंदोलन की शुरुआत करना है। सरकार का लक्ष्य प्रत्येक परिवार को प्राथमिक तथा संधारणीय तरीके से पेयजल उपलब्ध कराना है।
भारत में जल संरक्षण संबंधी विभिन्न मुद्दे
- नागरिकों के मध्य जागरूकता का अभाव
- अक्षम सरकारी नीतियाँ
- जल प्रदूषण में वृद्धि
- अवैज्ञानिक कृषि
- जल का पुन: उपयोग न किया जाना
केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों द्वारा उठाए जा रहे कदमों के अतिरिक्त निम्नलिखित उपायों को अपनाए जाने का भी प्रयास किया जाना चाहिये:
- लोगों के व्यवहार में परिवर्तन हेतु स्थानीय सरकारों द्वारा प्रयास किया जाना चाहिये। जैसे- वैज्ञानिक तरीके से कृषि सिंचाई प्रणाली अपनाए जाने पर बल दिया जाए।
- बड़े किसानों पर व्यावसायिक दरों पर विद्युत उपभोग की वसूली की जानी चाहिये। जिससे वे मनमाने तरीके से सिंचाई हेतु जल का उपयोग न कर सके।
- इज़राइल तथा सिंगापुर के समान जल उपचार तथा पुन: उपयोग तकनीक को अपनाया जाना चाहिये।
- ग्रामीण लोगों को यह समझना चाहिये कि वे कैसे जल संरक्षण में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं।
- नगरपालिकाओं द्वारा खराब जल प्रबंधन की समस्या के संदर्भ में अवसंरचनात्मक सुधारों पर ज़ोर दिया जाना चाहिये।
- एक सीमा से अधिक जल का उपयोग करने पर शुल्क आरोपित करना चाहिये तथा ऐसे परिवार जो आवंटित मात्रा से कम जल का उपयोग करते हैं उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।
उपरोक्त के अतिरिक्त सरकार द्वारा बड़े आवासीय ब्लॉकों, स्कूलों, अस्पतालों, होटलों तथा वाणिज्य परिसरों पर स्कूलों, अस्पतालों, होटलों तथा वाणिज्य परिसरों पर ग्रीन टैक्स लगाना चाहिये तथा अपशिष्ट जल के पुर्नप्रयोग को अनिवार्य बनाया जाना चाहिये।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Print