नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    वर्तमान में देरी से न्याय मिलने का एक कारण न्यायालयों में विद्यमान रिक्तियाँ है। रिक्तियों के अतिरिक्त अन्य समस्याओं को स्पष्ट करते हुए समाधान के बिंदु सुझाइये।

    17 Apr, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • भूमिका

    • कारण

    • समाधान के बिंदु

    • निष्कर्ष

    देरी से मिले न्याय को न्याय न मिलने के समान ही माना जाता है, जिसका प्रमुख कारण स्वयं न्यायपालिका द्वारा अत्यधिक रिक्तियों को माना गया है। उल्लेखनीय है कि देश भर में अधीनस्थ अदालतों के लिये स्वीकृत 22,677 पदों में लगभग 5000 न्यायाधीशों के पद रिक्त है। न्याय के लिये अतिरिक्त न्यायिक प्रक्रिया के अन्य पक्षों, जैसे- सुनवाई आयोजित करना, न्यायिक विवादों का समाधान करना तथा विधि के मूलभूत सिद्धांतों को लागू करने का कार्य भी अधीनस्थ न्यायालयों द्वारा ही किया जाता है।

    समस्या के अन्य पक्ष

    • न्यायालय की समग्र प्रक्रिया साक्ष्य एकत्र करने तथा गवाहों से पूछताछ करने से प्रभावित होती है।
    • अपेक्षित मानव संसाधनों तथा वित्तीय संसाधनों की कमी भी अधीनस्थ न्यायालय के कार्यों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
    • भर्ती निकालने से लेकर परीक्षा आयोजित करने तक की प्रक्रिया अत्यंत धीमी है। कभी-कभी भ्रष्टाचार की समस्या के कारण भी इस क्षेत्र में अपेक्षित भर्तियाँ नहीं हो पाती।
    • देश के अधीनस्थ न्यायालयों के मध्य मामलों की सुनवाई की आवृत्ति संबंधी एकरूपता का अभाव है।
    • आज भी लगभग 2 लाख मामलों पर पिछले 10 वर्षों से अधीनस्थ न्यायालयों में लंबित है।

    समस्या समाधान के उपाय

    • सर्वप्रथम न्यायालय के अवसंरचनात्मक ढाँचे को सुदृढ़ बनाने हेतु योजना निर्माण, बजटीय सहायता में वृद्धि तथा क्रियान्वयन सुनिश्चित किये जाने की आवश्यकता है।
    • प्रारंभिक जाँचों जैसे- गवाहों से पूछताछ, साक्ष्यों को एकत्र करना आदि के लिये प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति करना।
    • न्यायिक तथा प्रशासनिक प्रक्रिया में सुधार के लिये सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक प्रयोग किया जाए।
    • इसके अतिरिक्त कुशल तथा समयबद्ध नागरिक केंद्रित सेवाओं के वितरण हेतु ई-न्यायालय परियोजनाओं को विस्तार दिया जाना चाहिये।
    • अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के अभाव ही न्यायिक सेवाओं में भर्ती के लिये भारतीय न्यायिक सेवा का गठन किया जाना चाहिये।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow