‘उद्योग 4.0’ की अवधारणा से आप क्या समझते हैं। इसे अपनाने में आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालिये।
15 Apr, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण: • भूमिका • उद्योग 4.0 के घटक • चुनौतियाँ • निष्कर्ष |
व्यावसायिक प्रतिस्पर्द्धा के इस दौर में संपूर्ण विश्व ‘उद्योग 4.0’ में प्रवेश कर गया है। जिसके अंतर्गत कंप्यूटर और स्वचालितकरण एक नए अवतार में एक साथ आ गए हैं। रोबोट की सहायता से सुदूर कंप्यूटर प्रणालियाँ जो मशीन लर्निंग एल्गोरिदम से युक्त है, को मानव परिचालन की कम-से-कम आवश्यकता से अल्पागत (Vast-in-Put) द्वारा निर्देशित किया जा सकता है। ‘उद्योग 4.0’ की अवधारणा पर अधिक गहराई के साथ विचार करने पर ज्ञात होता है कि यह औद्योगिक इकाइयों के कार्य करने के तौर-तरीकों को बदलने की सुदृढ़ संभाव्यता के साथ तेज़ी से उभरती एक शक्तिशाली धारा है, निरंतर एवं सतत् रूप से चलने वाला प्रवाह है। एक सीमा तक ‘उद्योग 4.0’ दूसरी औद्योगिक क्रांति है। अंतर केवल यह है कि विश्व में पहली औद्योगिक क्रांति जहाँ यूरोप, मुख्य रूप से इंग्लैंड तक सीमित थी, वहीं उद्योग 4.0 के रूप में वर्तमान औद्योगिक क्रांति सारे विश्व में फैली हुई है। इसकी उपस्थिति और प्रसार किसी देश मात्र तक सीमित नहीं है।
‘उद्योग 4.0’ के आवश्यक घटक:
चुनौतियाँ:
उपरोक्त से स्पष्ट है कि इसमें कोई संदेह नहीं कि ‘उद्योग 4.0’ में अनेक संभावनाएँ विद्यमान है, किंतु इन्हें अपनाने के लिये मानव शक्ति तथा मौद्रिक संसाधन भी सीमित है। इसके बावजूद इस मॉडल के समग्र लाभ इसकी संभावित ऊँची लागतों से अधिक है। पारंपरिक उत्पादन प्रक्रिया मॉडल के तहत ऐसे कार्यों जिनके तहत मानव जीवन पर खतरे की संभावना ज्यादा रहती है। रोबोटों द्वारा कार्य संपन्न किया जा सकता है। कंप्यूटर नियंत्रित प्रणाली अधिक विश्वसनीय तथा सतत् उत्पादकता तथा उत्पादन राजस्व, बाजार हिस्सेदारी तथा लाभों में वृद्धि ला सकते हैं।