यूनेस्को के ‘सांस्कृतिक विरासत संरक्षण कार्यक्रम’ के लिये ‘एशिया-प्रशांत अवॉर्ड’ की चर्चा करें। हाल ही में इससे सम्मानित भारतीय स्थापत्य की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिये।
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण
• यूनेस्को द्वारा प्रदान किये जाने वाले ‘एशिया-प्रशांत अवॉर्ड’ का उल्लेख करें।
• इससे सम्मानित भारतीय स्थापत्य कला की विशेषताएँ बताते हुए निष्कर्ष लिखें।
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‘एशिया-प्रशांत विरासत पुरस्कार’ वर्ष 2000 से यूनेस्को द्वारा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु दिया जा रहा है। इस पुरस्कार का उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत क्षेत्रों के संरक्षण को बढ़ावा देना है, जिसके प्रयास किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा प्रारंभ किये गए हैं।
- यह पुरस्कार पाँच श्रेणियों में दिया जाता है:
- उत्कृष्टता के लिये पुरस्कार।
- विशिष्टता के लिये पुरस्कार।
- वरीयता के लिये पुरस्कार।
- माननीय उल्लेख (Honourable Mention).
- विरासत के संदर्भ में नए डिज़ाइन के लिये पुरस्कार।
- वर्ष 2017 का विरासत पुरस्कार भारत के निम्नलिखित स्थापत्य कला को प्राप्त हुआ है-
- वरीयता के लिये पुरस्कार (Award of Merit)
- मुंबई का क्राइस्ट चर्च।
- रॉयल बॉम्बे ऑपेरा हाउस।
- श्रीरंगम का श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर।
- सम्माननीय उल्लेख (Honourable Mention)
- वाडिया फाउण्टेन एवं क्लॉक टावर, मुंबई।
- गोहद किले का प्रवेशद्वारा, गोहद।
- दिल्ली की धर्मपुरा हवेली।
- मुंबई का वैलिंगटन फाउण्टेन
- 182 वर्ष पुराना मुंबई का क्राइस्ट चर्च इण्डो-सारसेनिक स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है। मुंबई का रॉयल ऑपेरा हाउस भारत का एकमात्र ऑपेरा हाउस है, जिसका निर्माण ब्रिटिश राज के समय हुआ था। श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर स्थापत्य कला की तमिल शैली में निर्मित है। इसका निर्माण छठी से नौवीं शताब्दी के मध्य हुआ था। मुंबई का वाडिया और क्लॉक टावर सार्वजनिक क्षेत्र में विरासत क्षेत्राें के संरक्षण के प्रति समर्पण को प्रदर्शित करता है। दिल्ली की धर्मपुरा हवेली रियासतकालीन स्थापत्य का उदाहरण है।
- इस प्रकार यूनेस्को का ‘एशिया-प्रशांत विरासत अवॉर्ड’ विरासत क्षेत्रों के संरक्षण हेतु किये गए प्रयासों को मान्यता, सराहना एवं प्रोत्साहन देने का एक महत्त्वपूर्ण साधन है।