उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण
• सक्षिप्त परिचय दें।
• व्हिसल ब्लोअर संरक्षण विधेयक-2014 के प्रमुख अभिलक्षणों की चर्चा करें।
• अंत में निष्कर्ष दें।
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- व्हिसल ब्लोअर संरक्षण विधेयक-2014 भष्टाचार को नियंत्रित करने के लिये बनाया गया कानून है। इसे सूचना के अधिकार कानून का पूरक माना जाता है। हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा की चितांओं के मद्देनज़र सरकार ने इसमें संसोधन का सुझाव दिया है।
- व्हिसल ब्लोअर संरक्षण विधेयक-2014 के प्रमुख अभिलक्षण निम्नलिखित हैं:
- इसमें व्हिसल ब्लोअर की व्यापक परिभाषा प्रदान की गई है। इसके अंतर्गत सरकारी अधिकारी के साथ-साथ कोई व्यक्ति या गैर-सरकारी संगठन भी हो सकता है।
- भ्रष्टाचार का खुलासा करने वालों पर सरकारी गोपनीयता कानून, 1923 भी लागू हो गया है। अर्थात् यह गोपनीय सूचनाओं के खुलासे की अनुमति को प्रतिबंधित करता है।
- इस अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकारी को सिविल न्यायालय की शक्तियाँ प्रदान की गई हैं। यह जाँच के लिये सीबीआई, पुलिस अधिकारी आदि की सहायता ले सकता है।
- इसके तहत भ्रष्टाचार की जानकारी देने वाले लोगों की सुरक्षा का पर्याप्त प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही गलत या फर्जी शिकायत करने वालों के लिये दंड की भी व्यवस्था है।
- वस्तुत: देश में व्हिसल ब्लोअर कोे धमकाए जाने, उसके उत्पीड़न एवं हत्या के कई उदाहरणों को देखते हुए इस तरह के कानून की आवश्यकता महसूस की गई। एनएचआई में भ्रष्टाचार के संबंध में जानकारी देने वाले इंजीनियर की 2003 में हत्या करना इसी का एक उदाहरण है।
निष्कर्षत: कह सकते है कि व्हिसल ब्लोअर संरक्षण अधिनियम-2014 भ्रष्टाचार पर नियत्रंण के लिये सार्वजनिक भागीदारी बढ़ाने में सहायक होगा तथा गलत कार्यों के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोग इससे प्रोत्साहित हाेंगे और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।