स्वदेश दर्शन योजना एवं रामायण सर्किट क्या हैं? पर्यटन मंत्रालय द्वारा इन्हें लाने के पीछे निहित उद्देश्यों को स्पष्ट करें।
उत्तर :
भूमिका में:
स्वदेश दर्शन योजना एवं रामायण सर्किट का सामान्य परिचय देते हुए उत्तर आरंभ करें।
विषय-वस्तु में:
स्वदेश दर्शन योजना एवं रामायण सर्किट के बारे में थोड़ा विस्तार से बताए, जैसे:
स्वदेश दर्शन योजना:
- पर्यटन मंत्रालय ने 2014-15 में स्वदेश दर्शन योजना का शुभारंभ किया था जिसका उद्देश्य पर्यटन अनुभव को समृद्ध बनाना और रोज़गार अवसरों में वृद्धि करने के लिये देश में थीम आधारित पर्यटन सर्किट्स का विकास करना था।
- ये सर्किट उच्च पर्यटन मूल्य, प्रतिस्पर्द्धात्मक एवं निर्वहनीयता के सिद्धांत पर विकसित किये गए हैं।
- इस योजना के तहत निम्नलिखित 15 विषयगत सर्किट्स की पहचान इनके विकास के उद्देश्य से की गई थी-
पूर्वोत्तर भारत सर्किट, बौद्ध सर्किट, हिमालय सर्किट, तटीय सर्किट, कृष्णा सर्किट, रेगिस्तान सर्किट, जनजातीय सर्किट, इको सर्किट, वन जीवन सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, रामायण सर्किट एवं धरोहर सर्किट, जैन सर्किट, महात्मा गांधी सर्किट।
रामायण सर्किट:
- पर्यटन मंत्रालय के तहत विकास हेतु चिह्नित 15 थीम आधारित सर्किट्स में से एक है रामायण सर्किट।
- गंतव्य स्थलों के रूप में पूरे देश में उन स्थानों को चुना गया है जिन स्थानों पर भगवान राम गए थे।
- 15 गंतव्य स्थान हैं- अयोध्या, शृंगवेरपुर एवं चित्रकूट (यूपी), सीतामढ़ी, बक्सर और दरभंगा (बिहार), चित्रकूट (मध्य प्रदेश), नंदीग्राम (पश्चिम बंगाल), महेंद्रगिरि (ओडीसा), जगदलपुर (छत्तीसगढ़), भद्राचलम (तेलंगाना), रामेश्वरम् (तमिलनाडु), हम्पी (कर्नाटक), नासिक एवं नागपुर (महाराष्ट्र)
पर्यटन मंत्रालय द्वारा इसे लाने के पीछे निहित उद्देश्यों में हम निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा करेंगे, जैसे-
- पर्यटन को आर्थिक विकास एवं रोज़गार सृजन के एक बड़े वाहक के रूप में स्थापित करना।
- भारत को एक वैश्विक ब्रांड तथा एक विश्वस्तरीय पर्यटन गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना।
- विविध विषयगत सर्किट्स एवं तीर्थस्थलों में विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचे का विकास करना।
- अनोखे उत्पादों के व्यापक दायरे की पूर्ण स्वयत्तता को प्रदर्शित करना।
- पर्यटन के प्रति आकर्षण को बढ़ाने के लिये समग्र पर्यटन अनुभव उपलब्ध करना।
- एक निर्वहनीय, समावेशी तरीके एवं गरीबोन्मुखी दृष्टिकोण के साथ स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी।
निष्कर्ष
अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।
नोट: निर्धारित शब्द-सीमा में उत्तर को विश्लेषित कर लिखें।