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प्रश्न :
अफगानिस्तान के प्रति ब्रिटिश ‘कुशल अकर्मण्यता’ की नीति 1860 के दशक में अफगानिस्तान में चल रही आंतरिक राजनीतिक उठा- पटक के प्रति ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा अपनाई गई कपटपूर्ण उदासीनता की प्रवृत्ति पर आधारित थी। चर्चा करें।
03 Mar, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहासउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोणः
• सर्वप्रथम अंग्रेज़ों के राज्य विस्तार के क्रम में उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के बारे में बताएँ।
• अफगानिस्तान के आंतरिक एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के आधार पर ब्रिटिश हित एवं अहित पर चर्चा करें।
• अंग्रेज़ों ने ‘चालाकीपूर्ण निष्क्रियता’ को कैसे स्थापित किया।
अंग्रेज़ों ने भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने के बाद उत्तर-पश्चिम की ओर रुख किया। अफगानिस्तान, भौगोलिक रूप से सोवियत संघ के लिये उपयुक्त था। अंग्रेज़ों ने इसकी परवाह न करते हुए अफगानिस्तान पर आक्रमण कर दिया। इसे प्रथम आंग्ल-अफगानिस्तान युद्ध कहा जाता है, जिसमें अंग्रेज़ों की हार हुई।
रूस द्वारा भारत पर आक्रमण का पूर्वानुमान कर रूस से भारत की सुरक्षा हेतु अंग्रेजों द्वारा दो प्रकार की नीतियाँ अपनाई गई - 1.अग्रगामी विचारधारा और 2. कुशल अक्रियता या चालाकीपूर्ण निष्क्रियता’। अग्रगामी विचारधारा की नीति के तहत अंग्रेजों ने अफगानिस्तान के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप किया और परिणामस्वरूप अफगान अमीरों के बीच दो युद्ध लड़े गए। कुशल अक्रियता या ‘चालाकीपूर्ण निष्क्रियता’ की नीति, प्रथम अफगान अंग्रेज़ युद्ध की क्षति तथा पूर्व में हुई नीतिगत गलतियों को सुधारने हेतु अपनाई गई। भारत की ब्रिटिश सरकार ने समय-समय पर एन दोनों ही नीतियों का पालन किया
इसके बाद सोवियत संघ की उपस्थिति तुर्की, ईरान एवं तुर्कमेनिस्तान में हो गई। वर्ष 1836 में लार्ड ऑकलैंड को भारत का गवर्नर जनरल बनाया गया और उसकी आक्रमण की नीति असफल हो चुकी थी। वर्ष 1864 में जब जॉन लारेंस भारत में गवर्नर जनरल बनकर आया तब उसने ‘चालाकीपूर्वक निष्क्रियता’ (Masterly Inactivity) की नीति अपनाई। ऐसा करना उसकी मजबूरी भी थी क्योंकि अगर सोवियत संघ हस्तक्षेप करना शुरू कर देता तो यह भारत में स्थापित साम्राज्य के लिये भी खतरा होता।
जब अफगानिस्तान में शेर अली ने सत्ता संभाली तब जॉन लारेंस ने उससे मित्रतापूर्ण व्यवहार किया। इस मित्रतापूर्वक व्यवहार के पीछे की मंशा यह थी कि अफगानिस्तान की आंतरिक राजनीति को भली-भाँति समझना अब आसान हो गया था। इस प्रकार यह अंग्रेज़ों द्वारा जानबूझकर अपनाई गई निष्क्रियता थी।
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