हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे के संगठनात्मक पुनर्गठन को स्वीकृति प्रदान की है। पुनर्गठन की आवश्यकता के बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए रेलवे के पुनर्गठन हेतु अनुमोदित सुधारों की चर्चा करें।
19 Feb, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण: • भूमिका • पुनर्गठन की आवश्यकता क्यों? • रेलवे पुनर्गठन के संदर्भ में अनुमोदित सुधार क्या हैं? |
रेलवे बोर्ड, भारतीय रेलवे का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है जो रेल मंत्रालय के माध्यम से संसद को रिपोर्ट करता है। इसकी अध्यक्षता रेलवे बोर्ड में सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा की जाती है।
पुनर्गठन की आवश्यकता क्यों?
वर्तमान में रेलवे विभाग एकाकी रूप से कार्य कर रहे हैं जिसके कारण संगठनात्मक लक्ष्यों तथा उद्देश्यों की कीमत पर संकीर्ण विभागीय लक्ष्यों को पूरा करने के साथ-साथ विभागों के मध्य अस्वस्थ्य प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा मिलता है। ऐसे में सेवाओं के एकीकरण से विभागीकरण की प्रवृत्ति समाप्त होगी; सुचारू काम-काज को बढ़ावा मिलेगा, और निर्णयन की प्रक्रिया तीव्र होगी।
कुछ सामान्य भूमिकाओं, जैसे रेल प्रबंधक तथा महाप्रबंधक के अतिरिक्त किसी विशेष सेवा के अधिकारियों के केवल अपने संबंधित विभागों में ही प्रोन्नत होने की संभावना रहती है। ऐसे में संगठन में तीन पृथक तरीके से प्रवेश प्रदान करने से सभी सेवाओं के मध्य वरिष्ठता को निर्धारित करने संबंधी विशिष्ट समस्या उत्पन्न होती थी, क्योंकि प्रत्येक के लिये प्रतिवर्ष प्रवेश की तिथियाँ भिन्न-भिन्न होती हैं।
सरकार ने यात्रियों तथा माल-ढुलाई के लिये रेलवे को 100 प्रतिशत सुरक्षित, तीव्र एवं विश्वसनीय यातायात-साधन बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्ष 2030 तक लगभग 50 लाख करोड़ रुपए का निवेश करके संपूर्ण नेटवर्क को आधुनिक बनाने की योजना है। इस दिशा में एकनिष्ठ होकर कार्य करने एवं चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होने के लिये संगठित रूप से कार्य करने के साथ-साथ एक एकीकृत, सुदृढ़ संगठन की आवश्यकता होगी।
रेलवे पुनर्गठन के संदर्भ में अनुमोदित सुधार