त्रि-आयामी (3D) मुद्रण तकनीक किस प्रकार कार्य करती है? इस तकनीक के गुण एवं दोषों की विवेचना कीजिये।
17 Feb, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी
हल करने का दृष्टिकोण: • 3D मुद्रण तकनीक क्या है? • इस तकनीक के गुण क्या हैं? • इस तकनीक के दोष क्या हैं? |
त्रि-आयामी अथवा 3D मुद्रण, कंप्यूटर आधारित तकनीक है, जिसकी सहायता से वस्तुओं के त्रि-आयामी मॉडल तैयार किये जाते हैं।
इस तकनीक के पहले चरण में वस्तुओं का कंप्यूटर आधारित 3D नमूना तैयार किया जाता है। इस कार्य के लिये 3D स्कैनर या 3D मॉडलिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं। 3D मॉडल बन जाने के बाद मुद्रण का अलग चरण शुरू होता है। 3D प्रिंटिंग में प्रयुक्त प्रिंटर योगात्मक विनिर्माण तकनीक पर आधारित होते हैं। इस तकनीक में 3D मॉडल के निर्माण हेतु प्रयुक्त पदार्थ का नोजेल की सहायता से परत-दर-परत जमा किया जाता है। इस प्रकार धीरे-धीरे संपूर्ण मॉडल तैयार कर लिया जाता है। निर्माण कार्य में उपयोग किये गए पदार्थ सामान्यत: पेस्ट या प्लास्टिक के रूप में होते हैं। 3D मुद्रण के दौरान परतों के निर्माण हेतु अन्य तकनीकें भी हैं जैसे-
3D तकनीक के गुण:
3D तकनीक के दोष: