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प्रश्न :
हाल ही में भारत-रूस के मध्य वार्षिक शिखर सम्मलेन का आयोजन किया गया। इस संदर्भ में क्या भारत-रूस के मध्य किये गए समझौते अमेरिका के CAATSA समझौते का उल्लंघन है? परीक्षण कीजिये।
12 Oct, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंधउत्तर :
भूमिका में :-
भारत-रूस संबंधों के परिचय के साथ दोनों देशों के बीच हाल ही में आयोजित वार्षिक शिखर सम्मलेन को स्पष्ट करते हुए उत्तर प्रारंभ करें।
विषय-वस्तु में :-
शिखर सम्मलेन के दौरान किये गए समझौतों पर संक्षिप्त चर्चा करें, जैसे :
- भारत ने S-400 ट्रायम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिये रूस के साथ 5.43 बिलियन डॉलर का सौदा किया है।
- भारत और रूस ने आपसी निवेश को 15 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान में यह द्विपक्षीय व्यापार 10 बिलियन डॉलर से भी कम है।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और फेडेरल स्पेस एजेंसी ऑफ रूस (ROSCOSMOS) ने भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन परियोजना ‘गगनयान’ पर सहयोग के लिये ‘समझौता ज्ञापन’ पर हस्ताक्षर किये।
- भारतीय और रूसी रेलवे के बीच सहयोग के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए जिसके अनुसार रूसी रेलवे कंपनी आधुनिक रेल मार्ग बनाने में भारत की मदद करेगी।
- परमाणु क्षेत्र में सहयोग की प्राथमिकता और कार्यान्वयन के लिये कार्य-योजना पर हस्ताक्षर किये गए तथा इस समझौते के तहत रूस अगले 20 वर्षों में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की 12 इकाइयों का निर्माण करेगा।
- अन्य समझौतों में छोटे उद्योग, उर्वरक और विदेशी मंत्रालयों के बीच परामर्श से संबंधित ‘समझौता ज्ञापन’ शामिल हैं।
प्रश्न में चूँकि परीक्षण करने को कहा गया है, अतः अमेरिका के साथ किये गए CAATSA समझौते के बिंदुओं पर संक्षिप्त चर्चा करते हुए बताएँ कि क्या भारत ने रूस के साथ समझौता करके अमेरिका से किये गए समझौते का उल्लंघन किया है इसमें निम्नलिखित तथ्यों को शामिल किया जा सकता है, जैसे :
- काउंटरिंग अमेरिकाज़ एडवर्सरीज़ थ्रू सेंक्शन एक्ट (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act-CAATSA) के तहत भारत पर प्रतिबंधों की चेतावनी के बावजूद भारत इस सौदे के साथ आगे बढ़ा। यह ऐसा कानून है जो प्रमुख रूप से रूस, ईरान और उत्तरी कोरिया के साथ व्यापार संबंध रखने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाता है।
- इस समझौते पर भारत द्वारा हस्ताक्षर करना ‘सामरिक स्वायत्तता’ की तरफ इशारा करता है, जिसका अर्थ यह है कि भारत की सुरक्षा तथा विदेशी नीति को किसी तीसरे देश द्वारा निर्देशित नहीं किया जा सकता है।
- शिखर सम्मेलन के दौरान विभिन्न क्षेत्रों जैसे- परमाणु, रेलवे और अंतरिक्षमें सहयोग के लिये किये गए समझौतों पर हस्ताक्षर रूस के लिये भारत के महत्त्व को दर्शाता है।
- तथ्य यह भी दर्शाते हैं कि बदलते समय के साथ भारत रक्षा सहयोग से आगे बढ़कर रूस के साथ संबंधों को सुदृढ़ करने के बारे में विचार कर रहा है।
अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।
नोट : निर्धारित शब्द-सीमा में उत्तर को विश्लेषित करके लिखें।
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