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प्रश्न :
2+2 वार्ता क्या है? भारत तथा अमेरिका संबंधों में तनाव तथा सहयोग के प्रमुख बिंदु क्या हैं?
22 Jan, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंधउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• 2+2 वार्ता का परिचय।
• भारत तथा अमेरिका संबंधों में तनाव।
• सहयोग के प्रमुख बिंदु।
2+2 वार्ता में एक देश के प्रमुख मंत्रियों (विदेश मंत्री व रक्षा मंत्री) का संयुक्त रुप से दूसरे देश के विदेश मंत्री व रक्षा मंत्री से महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर प्रत्यक्ष संवाद होता है तथा विशेष निर्णय लिये जाते हैं।
भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव के प्रमुख बिंदु:-
- व्यापार असंतुलन/व्यापार शुल्क: भारत तथा अमेरिका का 2018 में कुल व्यापार 142.6 बिलियन डॉलर का रहा है जहाँ अमेरिका लगभग 58.7 बिलियन का निर्यात व 88.9 बिलियन डॉलर का आयात करता है। वर्तमान में भारत अमेरिका का 9वां सबसे बड़ा वस्तु व्यापार भागीदार है।
- GSP (Generalised System of Preferences): अमेरिका द्वारा जून 2019 से भारत को व्यापार में दी जाने वाली सभी प्राथमिकताओं को खत्म कर दिया गया तथा इसका कारण अमेरिका को भारत द्वारा अपने बाज़ार में ‘उचित तथा तार्किक’ पहुँच नहीं देना बताया। ध्यातव्य है कि GSP भारत के कुछ प्रोड्क्टस के लिये ड्यूटी फ्री आयात की व्यवस्था करता है।
सेवा क्षेत्र- भारत तथा अमेरिका कुछ सेवा क्षेत्रों में परस्पर प्रतिस्पर्द्धी हैं। इस कारण से अमेरिका द्वारा वीज़ा शुल्क की बढ़ोतरी को संशोधित तथा भारतीय कामगारों की सामाजिक सुरक्षा और उपायों में बदलाव किया जा रहा है।
कृषि उत्पाद व्यापार- भारत द्वारा SPS (सेनेटरी तथा फाइटोसेनेटरी) बैरियर अमेरिकी कृषि व डेयरी उत्पादों को भारतीय बाज़ार में आने से रोकता है। साथ ही दोनों देश कृषि सब्सिडी व समर्थन को बाज़ार प्रतिरूपकारी बताते हैं।
बौद्धिक समाज: भारतीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीतियाँ अमेरिका के लिये चिंता का विषय रही हैं जिसके कारण भारत अमेरिका की ‘Special SOI’ प्राथमिकता सूची में रहा है।
रक्षा व्यापार: भारत द्वारा रुस से मिसाइल रक्षा प्रणाली (S-400) की खरीद पर अमेरिका की ‘CAATSA’ को आपत्ति रही है तथा अमेरिका ने भारतीय रक्षा खरीद नीति पर में ज़ोर दिया है।
इसके अतिरिक्त ईरान, अफग़ानिस्तान व पाकिस्तान संबंधी अमेरिकी नीतियाँ भी दोनों के मध्य तनाव के विषय रहें हैं ।
भारत-अमेरिका सहयोग के प्रमुख बिंदु:
हिंद-प्रशांत क्षेत्र- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, विकास तथा समृद्धि के लिये अमेरिका और भारत के बीच आपसी सहयोग व समन्वय आवश्यक है। इसी के मद्देनज़र अमेरिका ने दक्षिण-पूर्वी एशिया में भारत की मज़बूत स्थिति को देखते हुए एवं चीनी आक्रामकता को संतुलित करने के लिये अपनी नई सुरक्षा रणनीति में एशिया-प्रशांत क्षेत्र को भारत के नाम पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र कहा है। इसी नई सुरक्षा रणनीति में भारत को ‘उभरती हुई वैश्विक शक्ति’ के मज़बूत रणनीतिक एवं रक्षा भागीदारी’ के रुप में मान्यता भी प्रदान की गई है।
रक्षा सहयोग- भारत-अमेरिका ने लगभग 15 बिलियन डॉलर से अधिक के रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर किये हैं, हाल ही में दोनों देशों के मध्य तीन आधारभूत रक्षा समझौते क्रियान्वयन की प्रक्रिया में है- लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA), कॉमकासा तथा बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट फॉर जियो स्पेशियल कोऑपरेशन। इनमें LEMOA पर हस्ताक्षर किये जा चुके हैं बाकी दो पर वार्ता चल रही है।
उपर्युक्त के अतिरिक्त कांउटर-टेररिज़्म तथा आंतरिक सुरक्षा, नागरिक परमाुण सहयोग, व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर एकमत, शिक्षा, ऊर्जा तथा जलवायु परिवर्तन एवं अंतरिक्ष व विज्ञान प्रौद्योगिकी आदि अमेरिका तथा भारत के मध्य सहयोग के प्रमुख बिंदु हैं।
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