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प्रश्न :
भारत तथा बांग्लादेश के मध्य संबंधों को प्रगाढ़ करने हेतु भारत द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा कीजिये, ये कदम भारत के लिये किस प्रकार महत्त्वपूर्ण हैं ?
20 Jan, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंधउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• संक्षिप्त भूमिका।
• दोनों देशों के मध्य संबंधों को प्रगाढ़ करने हेतु भारत द्वारा उठाये गये कदम।
• भारत के लिए बांग्लादेश का महत्त्व।
बांग्लादेश, प्रबल भौगोलिक, सांस्कृतिक, वाणिज्यिक तथा ऐतिहासिक संबंधों के कारण भारत के लिये एक महत्त्वपूर्ण पड़ोसी देश है। पिछले कुछ वर्षों में बांग्लादेश भारत के ‘सदाबहार मित्र’ के रूप में उभरा तथा आपसी संबंधों को प्रगाढ़ करते हुए भारत द्वारा कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए किंतु इन सबके बावजूद कुछ मुद्दों जैसे- नदी विवाद, सीमा प्रबंधन अवैध प्रवासी, चाइना फैक्टर, रोहिंग्या...आदि पर टकराव के बिंदु दिखाई देते हैं।
दोनों देशों के संबंधों को प्रगाढ़ करने में भारत द्वारा उठाए गए कदम:-
- व्यापार क्षेत्र में- सीमा शुल्क तथा प्रवास संबंधी दस्तावेज़ों में कटौती, 49 भू-अधिसूचित भूमि शुल्क केंद्रों की स्थापना, बांग्लादेश सीमा से संलग्न एकीकृत चेक पोस्टों इत्यादि द्वारा बांग्लादेश के साथ वाह्य व्यापार को बढ़ावा देने में सहायता प्राप्त होगी।
- भारत बांग्लादेश के साथ ‘बॉर्डर हाट’ का विकास कर रहा है। इसमें स्थानीय उत्पादों के विपणन की पारंपरिक प्रणाली पर भी बल देना शामिल है।
- कनेक्टिविटी- BBIN (बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल) पहल का लक्ष्य वस्तुओं के ट्रांस-शिपमेंट की आवश्यकता के बिना एक-दूसरे के क्षेत्र में माल तथा यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों के आवागमन को सुविधाजनक बनाना है।
- प्रोटोकॉल ऑन इंग्लैंड वॉटर ट्रांज़िट एवं ट्रेड (PIWTT) के माध्यम से भारत बांग्लादेश की उसकी इंटर बार्डर कनेक्टिविटी एवं इंट्रा बार्डर कनेक्टिविटी, दोनों से सबंद्ध जलमार्गों की क्षमता से लाभान्वित होने में सहायता कर रहा है।
- बांग्लादेश के साथ शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल कनेक्टिविटी के लिये भारत द्वारा राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क का विस्तार किया गया है।
- ऊर्जा: रूपपुर परमाणु ऊर्जा परियोजना बांग्लादेश में भारत तथा रुस की एक संयुक्त परियोजना है। भारत, बांग्लादेश में परियोजना स्थल पर कार्मिक प्रशिक्षण, परामर्श समर्थन, स्थापना एवं निर्माण कार्य में भागीदारी तथा नॉन क्रिटिकल सामग्रियों की आपूर्ति में सहयोग करेगा। इसके अलावा भारत वर्तमान में दैनिक आधार पर बांग्लादेश को 600 मेगावाट विद्युत का निर्यात करता है।
- रक्षा: रक्षा सहयोग फ्रेमवर्क समझौते के माध्यम से भारत सामरिक परिचालन अध्ययन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने हेतु सैन्य उपकरण उपलब्ध करा रहा है तथा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी कर रहा है।
- अंतरिक्ष: आपदा प्रबंधन, टेली-एजुकेशन, टेली मेडिसिन तथा अंतरसरकारी नेटवर्कों के क्षेत्रों में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने हेतु साउथ एशियन सैटेलाइट (SAARC सैटेलाइट) का प्रक्षेपण किया गया।
उपर्युक्त प्रयासों से न सिर्फ भारत अपितु बांग्लादेश भी समान रूप से लाभान्वित होगा लाभों को निम्न बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:
- इससे पूर्वोत्तर भारत के सामाजिक तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- बांग्लादेश दक्षिण-पूर्व एशिया तथा अन्य पूर्वी एशियाई देशों के साथ आर्थिक और राजनीतिक संबंध स्थापित करने के संदर्भ में एक सेतु के रूप में कार्य करेगा।
- बांग्लादेश हिंद महासागरीय क्षेत्र का प्रमुख देश है और सामारिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्गों के समीप अवस्थित है। दक्षिण-पूर्व हिंद महासागर समुद्री डकैती हेतु एक प्रमुख क्षेत्र बन चुका है। इसे नियंत्रित करने में बांग्लादेश महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
- बांग्लादेश में रक्षा क्षेत्र, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अवसरंचनात्मक विकास तथा अन्य क्षेत्रों में निवेश के अनेक अवसर उपलब्ध हो सकते हैं।
- हाइड्रोकार्बन का अन्वेषण, डीप-सी फिशिंग, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण तथा आपदा प्रबंधन में सहयोग।
- भारत तथा बांग्लादेश के मध्य साझा इतिहास, एक साझी विरासत, भाषायी तथा सांस्कृतिक संबंध तथा संगीत, साहित्य एवं कला हेतु समान अभिरुचि विद्यमान है। लोगों के मध्य पारस्परिक संपर्क में वृद्धि से अन्य क्षेत्रों जैसे कि आर्थिक तथा व्यापारिक संबंधों को प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
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