‘वित्तीय समावेशन तभी सही मायने में पूरा होगा जब शहरों के साथ-साथ गाँव और अर्द्ध-शहरी इलाके भी वित्तीय व्यवस्था में बराबरी का हक रखते हों।’ इस कथन के समर्थन में अपने तर्क प्रस्तुत करते हुए सरकार द्वारा किये जा रहे विभिन्न प्रयासों पर प्रकाश डालिये।
27 Nov, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम गोविंद राजन द्वारा वित्तीय क्षेत्र में सुधार संबंधी रिपोर्ट में लिखित ‘सभी के लिये मुनासिब कीमत पर विविध प्रकार की वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता वित्तीय समावेशन है। जिनमें महज बैंकिग सुविधाएँ ही नहीं, बल्कि दूसरी वित्तीय सेवाएँ जैसे बीमा सुरक्षा और शेयरों में निवेश भी शामिल हैं।’कथन के साथ अपना उत्तर आरंभ करें।
विषय-वस्तु के पहले भाग के रूप में
मज़बूत व किफायती वित्तीय व्यवस्था के साथ वित्तीय साक्षरता का ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचना ही वित्तीय समावेशन है। गांवों में वित्तीय समावेशन का दायरा बैंक खाता खुलवाने और सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं से आगे बढ़कर ग्रामीण उद्यमिता के लिये सहायता देते तक पैल चुका है।
विषय-वस्तु के दूसरे भाग में अब तक सरकार द्वारा किये गए कुछ महत्त्वपूर्ण प्रयासों के बारे में चर्चा करेंगे-
अंत में संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें-
वित्तीय समावेशन का मतलब महज बैंक खाता खोलने और कर्ज़ बाँटने तक सीमित नहीं रहा बल्कि इसमें बीमा सुरक्षा से लेकर डिजिटल लेन-देन का इंतजाम और लोगों को वित्तीय साक्षर बनाने का काम भी शामिल हो चुका है। अब गाँव बतौर एक समाज ही नहीं, बल्कि बडे़ बाज़ार के तौर पर भी विकसित होने लगा है।