उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• संक्षिप्त भूमिका।
• CDS की आवश्यकता।
• चुनौतियाँ।
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वर्ष 2000 में कारगिल समीक्षा समिति तथा वर्ष 2001 में मंत्रीसमूह की रिपोर्ट ने सशस्त्र बलों के एकीकरण की दिशा में गंभीर प्रयास की सिफारिश की थी। इन्हीं सिफारिशों के मद्देनज़र हाल ही में विपिन रावत को पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया।
CDS की आवश्यकता
- कारगिल युद्ध के समय से ही भारतीय सेनाओं के मध्य एकीकरण की समस्या सामने आई थी। इस युद्ध की समीक्षा समिति ने भी एकीकरण की समस्या को रेखांकित किया था।
- तीनों सेनाओं के मध्य इस प्रकार का समन्वय वर्तमान समय की गतिशील सुरक्षा तथा प्रॉक्सी वार जैसी स्थितियों के मद्देनज़र महत्त्वपूर्ण है।
- CDS के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सेनाओं के साथ बेहतर समन्वय से संबंधित निर्णय लेने में तेज़ी आएगी।
- भारत में भौगोलिक स्थिति अत्यधिक विविधता वाली है, इसके अतिरिक्त नए प्रकार के युद्धों जैसे- साइबर युद्ध आदि की स्थिति में भी सेनाओं के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित हो सकेगा।
- इसके साथ ही यह तीनों सेनाओं के मध्य एक साझा रणनीति के साथ एकीकृत सैन्य अभियान के संचालन को बढ़ावा देने में मददगार सिद्ध होगा।
- प्रशिक्षण, लॉजिस्टिक्स एवं परिचालनों के साथ-साथ खरीद को प्राथमिकता देने में संयुक्त रणनीति अपनाने के लिये समन्वित प्रयास करने से देश लाभान्वित होगा।
चुनौतियाँ:
- राष्ट्र की रक्षा के लिये आधिदेश अभी भी रक्षा विभाग के पास है लेकिन पूंजी अधिग्रहण को छोड़कर खरीद प्रक्रिया CDS के पास है। इससे विरोधाभास उत्पन्न होता है क्योंकि एक ओर CDS से तीनों सेनाओं के मध्य खर्च की प्राथमिकता निर्धारित करने की अपेक्षा की जाती है लेकिन किन मदों पर खर्च किया जाना है वह फैसला रक्षा सचिवालय लेगा।
- CDS के पास सैन्य नियोजन (सैन्य क्षमताओं के निर्माण तथा रखरखाव से जुड़ी योजना) का अधिकार है। अत: CDS की प्रारंभिक चुनौती होगी युद्धकला में मानव का कम-से-कम तथा तकनीक का अधिक-से-अधिक प्रयोग करना।
- भारत को अपनी सीमाओं पर अक्सर विवादों का सामना करना पड़ता है। इसे समझते हुए अपनी रणनीति तय करना भी CDS के समक्ष प्रमुख चुनौती होगी।