भारत में तेज़ी से बढ़ते आंतरिक प्रवासन के कारणों की चर्चा करते हुए इसके महत्त्व पर प्रकाश डालें।
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• संक्षिप्त भूमिका।
• आतंरिक प्रवासन के कारण।
• आंतरिक प्रवासन का महत्त्व
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2017 में आतंरिक प्रवासियों की संख्या 139 मिलियन है जो 2001 के (33 मिलियन) के मुकाबले बहुत अधिक है।
आंतरिक प्रवासन के कारण:
- शहरों में बेहतर शिक्षा, रोज़गार के साधन, उन्नत स्वास्थ्य सुविधा आदि ने बड़े पैमाने पर ग्रामीण जनसंख्या को आकर्षित किया है।
- हाल के वर्षों में भारत की औसत वार्षिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत से अधिक रही है जिसने लोगों को ऐसे स्थानों की ओर आकर्षित किया है जहाँ विनिर्माण और सेवा क्षेत्र तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
- ग्रामीण जनसंख्या के लिये कृषि योग्य भूमि घटकर मात्र 0.02 हेक्टेयर प्रति व्यक्ति रह गई है। ऐसे में क्षेत्र में अधिशेष श्रमिक काम की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।
आंतरिक प्रवासन का महत्त्व
- प्रवासन समावेशी तथा समन्वयपरक समाज की स्थापना करने में सहायक होता है क्योंकि यह जातिगत तथा धार्मिक विभाजनों को कम करता है।
- इससे समाज के वंचित वर्ग तथा महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा मिलता है जिससे उनका सशक्तीकारण होता है।
- निर्माण, विनिर्माण, वस्त्र उद्योग, खनन, घरेलू कार्यों आदि क्षेत्रों में अर्द्ध-कौशल एवं निम्न कौशल वाली नौकरियाँ होती हैं जिनसे संबद्ध होकर प्रवासी श्रमिक इन क्षेत्रों के विकास में महत्त्वपूर्ण भागीदारी निभाते हैं।
- प्रवासी लोगों द्वारा अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के एक बड़े भाग का गठन किया जाता है जो भारतीय अर्थव्यवस्थाका लगभग 85% है।