नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    माइक्रोप्लास्टिक से आप क्या समझते हैं, समुद्र में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषक की चुनौतियों का विवरण दें। साथ ही, समुद्र में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों की भी चर्चा करें।

    13 Jan, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण :

    • संक्षिप्त भूमिका

    • समुद्र में बढ़ते प्लास्टिक कचरे की चुनौतियाँ।

    • नकारात्मक प्रभाव

    माइक्रोप्लास्टिक, प्लास्टिक के अति सूक्ष्म टुकड़े होते हैं। इन्हें टूथपेस्ट, बॉडी व्रेंब जैसे उत्पादों के निर्माण, कपड़ों तथा अन्य तरह के औद्योगिक उपयोगों हेतु प्रयुक्त किया जाता है।

    समुद्र में बढ़ते प्लास्टिक कचरे की चुनौतियाँ:

    • समुद्र सीमामुक्त क्षेत्र है अत: प्लास्टिक कचरे का प्रवाह सर्वव्यापी होता है जिसके कारण यह कचरा लंबे समय तक समुद्र में ही बना रहता है।
    • ऐसे स्थानों पर जहाँ अपशिष्ट संग्रहण प्रणाली उपलब्ध नहीं है वहाँ प्लास्टिक कचरा भारी मात्रा में समुद्र में प्रवेश करता है।
    • अल्पविकसित तथा विकासशील देश प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में प्रभावी रूप से सक्षम नहीं है अत: ऐसे देशों में यह समस्या बढ़ती जा रही है।

    नकारात्मक प्रभाव:

    • समुद्र में माइक्रोप्लास्टिक छोटे जीवों को सतह उपलब्ध कराकर उनकी संख्या में वृद्धि करने में सहायक साबित हो रहे हैं जिससे वेक्टर जनित बीमारियों के खतरे बढ़ रहे हैं।
    • DDT जैसे कई स्थायी कार्बनिक प्रदूषक समुद्र में कम सान्द्रित अवस्था में प्रवाहित होते रहते हैं जो प्लास्टिक कणों की सतह पर इकट्ठा होते हैं। यदि समुद्री जीव-जन्तु इन माइक्रोप्लास्टिक का उपभोग करते हैं भोजन समझकर खा लेते हैं तो ये स्थायी कार्बनिक प्रदूषक उनके ऊतकों में संचित हो जाते हैं जिससे खाद्य शृंखला प्रभावित होती है।
    • प्लास्टिक प्रदूषक समुद्री जीवों के लिये पाचन अवरोधक का काम करते हैं, साथ ही उनके आतंरिक अंगों की क्षति का कारण भी बनते हैं।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow