‘अंग्रेजों द्वारा प्लासी तथा बक्सर दोनों युद्धों के माध्यम से बंगाल में राजनीतिक सर्वोच्चता स्थापित करने के अलावा भी इन युद्धों का अपना कुछ निश्चित महत्त्व था।’ चर्चा करें।
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण :
• संक्षिप्त भूमिका।
• प्लासी के युद्ध का महत्त्व।
• बक्सर के युद्ध का महत्त्व ।
• निष्कर्ष ।
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प्लासी (वर्ष 1757 ई.) तथा बक्सर (वर्ष 1764 ई.) के युद्धों में विजय प्राप्त करने के पश्चात् अंग्रेज़ों ने बंगाल में राजनीतिक सत्ता स्थापित की। अंग्रेज़ों की राजनीतिक सर्वोच्चता के अतिरिक्त इन युद्धों का महत्त्व अन्य संदर्भों में भी रहा जिन्हें निम्नलिखित बिंदुओं के अंतर्गत समझा जा सकता है-
प्लासी के युद्ध का महत्त्व:
- अंग्रेज़ों की इस विजय से बंगाल के नवाब की स्थिति कमज़ोर पड़ गई।
- प्रत्यक्ष रूप से तो सरकार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ और नवाब अभी भी सर्वोच्च अधिकारी बना रहा था। लेकिन व्यावहारिक रूप से वह कंपनी के प्रभुत्व पर निर्भर था, अब कंपनी ने नवाब के अधिकारियों की नियुक्ति में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया।
- नवाब के प्रशासन की आंतरिक कलह स्पष्ट रूप से प्रकट होने लगी और अंग्रेज़ों के साथ मिलकर विरोधियों द्वारा किये गए षडयंत्र ने अंतत: प्रशासन की शक्ति को कमज़ोर किया।
- राजस्व के नियमित/निश्चित स्त्रोत के अतिरिक्त ईस्ट इंडिया कंपनी ने फ्रांसीसी और डच कंपनियों को कमज़ोर बनाकर बंगाल के व्यापार पर सफलतापूर्वक अपनी इज़ारेदारी को स्थापित कर लिया।
बक्सर के युद्ध का महत्त्व:
- बक्सर के युद्ध के माध्यम से अंग्रेजों ने बंगाल पर पूर्ण राजनीतिक नियंत्रण स्थापित कर लिया। वास्तव में, हस्तांतरण की इस प्रक्रिया का प्रारंभ प्लासी के युद्ध से हुआ और इसकी चरम परिणति बक्सर के युद्ध में हुईं। बक्सर के युद्ध ने नवाब के भाग्य का सूर्य अस्त कर दिया और अंग्रेजों का बंगाल में एक शासक शक्ति के रूप में उदय हुआ।
- इस प्रकार बंगाल की राजनीति में अन्तर्निहित कमज़ोरी ने अंग्रेजों को नवाब के विरुद्ध विजय प्राप्त करने में मदद की। विभिन्न गुटों के शासकों से अलगाव ने बाह्य शक्तियों को व्यवस्था तोड़ने को प्रेरित किया।