‘रन ऑफ़ द रिवर’ जल विद्युत परियोजना से आप क्या समझते हैं? इससे होने वाले लाभों की चर्चा करें तथा समझाएँ कि यह किस प्रकार अन्य जल विद्युत परियोजनाओं से भिन्नता रखती है।
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
‘रन ऑफ़ द रिवर’ जल विद्युत परियोजना क्या हैं?
इससे होने वाले लाभ क्या हैं?
यह किस प्रकार अन्य जल विद्युत परियोजनाओं से भिन्नता रखती है।
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‘रन ऑफ द रिवर’ जल-विद्युत परियोजना से तात्पर्य ऐसी परियोजना से है, जिसमें वादियों के जल प्रवाह में बिना बाधा डाले जल-विद्युत का उत्पादन किया जाता है। इसमें नदी मार्ग में बिना बड़े बांध बनाए प्रवाहित जल का उपयोग किया जाता है। वर्तमान में नापधा झाकरी, लोवर सुबनसिरी तथा किशनगंगा जैसी जल विद्युत परियोजनाएँ ‘रन ऑफ द रिवर’ दृष्टिकोण पर ही आधारित हैं।
लाभ:
- ऐसी परियोजनाओं को पर्यावरण अनुकूल माना जाता है।
- बांध के निर्माण से न तो आस-पास के क्षेत्र जलमग्न होते हैं और न ही जल विविधता को नुकसान पहुंचता है।
- ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं होता।
- भूकंप जैसी घटनाओं की आशंका नहीं रहती।
- इसमें गाद जमा होने या दरार उत्पन्न होने जैसी समस्याएँ नहीं होती।
- चूंकि बांधों का निर्माण नहीं होता अत: लोगों के विस्थापन की समस्या भी नहीं रहती।
अन्य परियोजनाओं से भिन्नता के बिंदु:
- इसका निर्माण सतत् वाहिनी नदियों पर संभव है अत: बड़े बांधों का निर्माण नहीं किया जाता, जबकि अन्य जल-विद्युत परियोजनाओं में बांध का निर्माण आवश्यक है।
- जैव विविधता की हानि नहीं होती क्योंकि इसका निर्माण सीमित क्षेत्र में होता है, जबकि अन्य जल विद्युत परियोजनाओं के लिए विस्तृत क्षेत्र की ज़रूरत पड़ती है।
- यह सतत् विद्युत आपूर्ति करने में सक्षम नहीं है जबकि अन्य जल-विद्युत परियोजनाएँ ऐसा करने में सक्षम हैं।
- इसमें मत्स्य पालन नहीं किया जा सकता, जबकि अन्य में यह संभव है।
- अन्य की अपेक्षा इसकी लागत कम होती है।
विस्थापन तथा बाढ़ की समस्या नहीं।