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प्रश्न :
‘लोकतंत्र को जनता की भागीदारी के विस्तार के रूप में देखा जा सकता है’ इस कथन के संदर्भ में स्वीप (सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता) कार्यक्रम की समीक्षा करें।
08 Jan, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्थाउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोणः
• कथन का संदर्भ समझाऍ।
• स्वीप कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु।
• कार्यक्रम का महत्त्व।
• निष्कर्ष।
लोकतंत्र में सरकार बनाने की सर्वोच्च शक्ति जनता के हाथ में होती है जनता चुनाव की प्रतिनिधि प्रणाली के माध्यम से इसका प्रयोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से करती है। इस प्रकार हमारा प्रत्येक वोट हमारे लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करता है।
भारत विश्व की 17.5 प्रतिशत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है। इतनी बड़ी जनसंख्या को वोट डालने हेतु प्रेरित करना जटिलताओं तथा चुनौतियों भरा कार्य है। भारत निर्वाचन आयोग ने मजबूत लोकतंत्र के लिये अधिक सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु निर्वाचन प्रबंधन तंत्र के माध्यम से व्यक्तिगत प्रेरणा तथा जागरूकता एवं शिक्षा संबंधी उपायों पर आधारित सहभागिता को प्रोत्साहित करने हेतु वर्ष 2009 के अंत में स्वीप कार्यक्रम की शुरुआत की ।
स्वीप के तहत मतदाताओं, सिविल सोसाइटी समूहों तथा मीडिया के साथ लगातार संपर्क बनाया जाता है। साथ ही, नीतियों के निर्धारण हेतु ढाँचा, योजना हस्तक्षेप तथा कार्यान्वयन की निगरानी की जाती है। इसमें शिक्षित एवं अशिक्षित समूहों के लिये विषय-वस्तु तैयार किया जाना सम्मिलित है।
स्वीप में मतदाता केंद्रों पर सुविधाएँ मुहैया करए जाने पर विशेष बल दिया गया। संचार संबंधी पहलों में मल्टीमीडिया, अंतरवैयक्तिक बातचीत, भौतिक घटनाएँ तथा लोगों/समुदायों को क्रियाशील बनाने के लिये नवीकृत गतिविधियाँ तथा मतदाता सुविधा शामिल है।
जनता की मज़बूत सहभागिता से सुदृढ़ लोकतंत्र का निर्माण संभव है अतः यह आवश्यक हो जाता है कि लोकतंत्र के इस महापर्व में सबकी सहभागिता सुनिश्चित की जाए। इस संदर्भ में स्वीप कार्यक्रम सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल है।
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